September 17, 2024

कानपुर। जाजमऊ में एक क्रिकेट मैच के दौरान गेंदबाज की फेंकी गयी नो-बॉल पर की गयी टिप्पणी इतना भयावह रूप ले गयी की क्रिकेटर को अपनी जान से हाथ धोना पड गया। प्रत्यक्षदपर्शियों के अनुसार मैच के दौरान फेंकी गयी नो-बॉल के बाद गेंदबाज को चिढ़ाने को लेकर बच्चों का आपस में झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि इसमें 11 साल के आरिज की जान चली गई। पुलिस मौके पर पहुंची। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर 5 लाख रुपए समझौता कराने के लिए दबाव बनाने की बात कही है। दरअसल, जाजमऊ में एकता पार्क मोहल्ले के निवासी शाहनवाज के घर पर उनकी बेटी और नाती आरिस (11) रहता था। आरिज के पिता कमाल की कैंसर से कई साल पहले मौत हो चुकी है। आरिज टेनरी कर्मी रेहान के बेटे अरहान (11) समेत अन्य बच्चों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। नो बॉल फेंकने को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। दोनों के बीच एक दूसरे के नाम को चिढ़ाने से बात और बढ़ गई। देखते ही देखते दोनों में मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान आरिज बेहोश हो गया। साथी उसे लेकर घर पहुंचे। जहां से उसे लालबंगला के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर भारी भीड़ लग गई। जाजमऊ क्राइम इंस्पेक्टर जावेद खान पूरी टीम के साथ पहुंचे। दोनों पक्ष में समझौते पर बाद चलने लगी। थोड़ी देर बाद आरिज के परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। लेकिन, इंस्पेक्टर जावेद उनको बार-बार समझाते रहे। विधायक मोहम्मद हसन रूमी पहुंचे। उन्होंने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। फिलहाल, बातचीत का दौर जारी है।सूत्रों के अनुसार, मृतक और आरोपी के परिजनों के बीच नेताओं के माध्यम से बात चल रही है। 5 लाख में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अगर मारपीट में बच्चे की मौत हुई, तो मृतक का पोस्टमॉर्टम होना चाहिए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई होनी चाहिए।