कानपुर। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश और नरौरा व हरिद्वार से छोड़ा जा रहा लाखो क्यूसेक पानी अब नगर के गंगा तटो पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है।पानी छोड़े जाने से कानपुर में गंगा का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ा है। गंगा किनारे बसे लगभग तीन से पांच गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए है।मंगलवार देर शाम को कटरी के चंपापुरवा और चैनपुरवा में बाढ़ का पानी घुस गया। सड़कों तक पानी आ गया। जिला प्रशासन ने गंगा किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है। हालांकि बुधवार सुबह पानी उतरने से लोगों ने राहत की सांस ली।
इधर, परमट मंदिर की सीढ़ियां भी पानी में डूब गई हैं। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को अलर्ट किया गया है। साथ ही मंदिर परिसर में गोताखोरों की तैनाती की गई है। नाव परिचालन में सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।कानपुर बैराज से सुबह 2.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, मगर शाम होते-होते इसे और बढ़ाकर 2.74 लाख करना पड़ गया। क्योंकि गंगा बैराज पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया था। अब भी सभी 30 गेट खोलकर रखे गए हैं।बैराज से पहले अप स्ट्रीम में गंगा का जलस्तर सुबह 113.39 मीटर था, जो शाम को 113.41 पहुंच गया। शहर की तरफ डाउन स्ट्रीम में सुबह का जलस्तर 113.26 मीटर था, जो शाम को 113.27 पहुंच गया।
नरौरा से पिछले कुछ दिनों की तरह ही 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। शहर में परमट घाट की सीढ़ियां तो डूबी हीं, अब ऊपर तक पानी आ गया है। वहीं सरसैया घाट स्थित सकंट हरण दुख निवारण गुरुद्वारे का नीचे का हिस्सा डूब गया।गंगा तटवर्ती चैनपुरवा, धारमखेड़ा, भगवानदीन पुरवा, कटरी के डिमनी पुरवा गांव की सड़कों तक पानी पहुंच गया है। हालांकि, अभी किसी भी गांव के अंदर पानी नहीं पहुंचा है। फिर भी एहतियातन ग्रामीणों को सजग कर दिया गया है। गंगा बैराज व उसके आसपास तट पर बढ़ी कटान को लेकर लोगों को किनारे खड़े होने से रोका जा रहा है। अटल घाट की ओर गंगा के पास सेल्फी लेने से भी लोगों को रोका जा रहा है। एसडीएम सदर प्रखर सिंह के अनुसार गंगा में जलस्तर फिर बढ़ा है। इसलिए ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। रात के समय लेखपाल व स्थानीय पुलिस भी लगातार नजर बनाए हुए है।