December 13, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाले 380 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी 10-11 घंटे से घटकर 5 घंटा 40 मिनट रह जाएगी। ये परियोजना गाजियाबाद में डासना-मसूरी के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से प्रारंभ होगी और कानपुर के रिंग रोड़ को जोड़ेगी। गाजियाबाद से हापुड़, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, कानपुर आदि शहरों से होते हुए ये कॉरिडोर गुजरेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने शनिवार को एनएचएआई अधिकारियों संग दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक की और डीपीआर पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए। केंद्रीय राज्यमंत्री एवं गाजियाबाद के सांसद जनरल वीके सिंह ने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 380 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट को गाजियाबाद/हापुड़-कानपुर/उन्नाव ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर नाम दिया है। इस कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेस वे की तर्ज पर होगा, लेकिन शुरुआत में सिर्फ चार लेन हाईवे बनेगा। जहां अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड बनेंगे, वहां हाईवे की चौड़ाई छह लेन हो जाएगी। जमीन अधिगृहण का काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। साल-2026 तक निर्माण कंप्लीट करने का टारगेट है। ये कॉरिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे को उन्नाव-कानपुर के बीच में कनेक्ट करेगा। जबकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को ये कॉरिडोर 2 जगह गाजियाबाद और हापुड़ में कनेक्ट करेगा। गाजियाबाद में नेशनल हाईवे-9 पर डासना-मसूरी के पास से इसका निर्माण शुरू होगा। जबकि हापुड़ जिले में पुराने एनएच-24 के बाइपास को इससे कनेक्ट करते हुए बनाया जाएगा। आगे जाकर दोनों कनेक्टर आपस में मिल जाएंगे। इसका फायदा ये होगा कि गाजियाबाद से आने वाले ट्रैफिक को इस कॉरिडोर पर चढ़ने के लिए हापुड़ तक नहीं जाना होगा। वे डासना-मसूरी से ही इस कॉरिडोर पर चढ़कर सीधे कानपुर पहुंच सकेंगे। वहीं मेरठ, हापुड़, अमरोहा से आने वाले वाहनों को हापुड़ बाइपास से इस कॉरिडोर पर चढ़ना होगा। सांसद जनरल वीके सिंह ने बताया, चूंकि इस प्रोजेक्ट का नाम ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर है, इसलिए बड़े-बड़े उद्योगों को भी इससे कनेक्ट किया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश का इकलौता नरौरा परमाणु पॉवर प्लांट बुलंदशहर, हरदुआगंज थर्मल पॉवर प्लांट, अल्ट्राटेक सीमेंट, सिकंदराबाद इंडस्ट्रियल एरिया, इत्र उद्योग, कानपुर का चमड़ा उद्योग और गौतमबुद्धनगर जिले की कॉरपोरेट इंडस्ट्रीज शामिल हैं। 

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