September 20, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में डेंगू के साथ ही तेज बुखार भी लोगों पर जमकर अटैक कर रहा है। हवा में फैले बैक्टीरिया की वजह से हर उम्र के लोग परेशान हैं। एक तरफ युवाओं-बुजुर्गों में यह वायरल अटैक करने के बाद उनके जोड़ों में दर्द और फेफड़ों-पेट में इन्फेक्शन फैला रहा है। वहीं, बच्चों के तो दिमाग में भी इन्फेक्शन फैला रहा है। इसके चलते बच्चों के अंदर झटके आने की समस्या देखने को मिल रही है। हैलट हॉस्पिटल में बाल रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. यशवंत राय ने बताया कि यह बुखार बच्चों के दिमाग और उनके फेफड़ों पर अटैक कर रहा है। बुखार आने के बाद बच्चों के सिर में इन्फेक्शन फैलता है या फिर उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार के साथ-साथ बच्चों में झटके आने की समस्या आ रही है। ऐसे मरीजों को तत्काल भर्ती करके इलाज शुरू करना पड़ता है। इस चीज को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी बच्चों में आगे चल कर बड़ी समस्या बन सकती है। ओपीडी में इस समय बुखार के रोजाना 100 से अधिक मरीज आ रहे हैं। डॉ. राय ने बताया कि इनमें से 10 से 15% वह बच्चे हैं, जिनको दिमाग में संक्रमण होता है। इसके अलावा 20% मरीज वह हैं, जिनके फेफड़ों में इन्फेक्शन होता है। लगभग 50% मरीज वह होते हैं, जिनको पेट और लिवर से जुड़ा इन्फेक्शन होता है। डॉ. राय ने बताया कि बरसात के बाद मौसम में नमी आने के बाद संक्रमण तेजी से फैलता है। ऐसे में गंदगी में मच्छर ज्यादा तेजी से पनपते हैं। जब कई सारे वायरस एक साथ मिलते हैं, तो यह वायरस आपके शरीर को बहुत तेजी से कमजोर करता है। यह वायरस वातावरण में घुल चुके हैं और नाक के रास्ते से शरीर में पहुंच रहे हैं। डॉ. यशवंत राय ने बताया कि बुखार ठीक हो जाने के बाद भी काफी लंबे समय तक बच्चों में झटके आने की शिकायत बनी रहती है। कभी-कभी तेज बुखार आने के बाद झटके पड़ते हैं। ऐसे में बच्चों की जान जाने का भी खतरा रहता है। जब दिमाग की नसों पर जोर पड़ता है तो दिमाग स्थिर नहीं रहता है और काम करना बंद कर देता है। डॉक्टर के मुताबिक, अन्य बुखार में मरीज दो से तीन दिन के अंदर ठीक हो जाता है। लेकिन इसमें मरीज को रिकवर करने में कम से कम 6 से 7 दिन का समय लग जाता है। अगर शरीर कमजोर है, तो और अधिक समय लग सकता है। इसमें साधारण दवा नहीं दी जाती है। डॉ. राय ने बताया कि अगर बुखार आता है, तो मेडिकल स्टोर से दवा लेकर नहीं खिलाना चाहिए। जब आम बुखार होता है तो उसमें यह दावा फायदा कर जाती है। लेकिन जब कोई वायरस शरीर में अटैक करता है, तो ऐसे में आम दवा बच्चों को और नुकसान करती है। इस दवा से बुखार तो नहीं उतरता है, लेकिन शरीर की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। 

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