
संवाददाता।
कानपुर। नगर में तंबाकू कारोबारी के गुजरात और दिल्ली समेत 20 ठिकानों पर चल रही इनकम टैक्स रेड खत्म हो चुकी है। अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं। 29 फरवरी को सुबह-सुबह जब आयकर अफसर कारोबारी की दिल्ली स्थिति कोठी पर छापेमारी के लिए पहुंचे, तो उसके बेटे ने उन पर रिवॉल्वर तान दी थी। अफसरों ने उसे समझाया, तब जाकर उसने रिवॉल्वर नीचे की। 5 दिन चली रेड में पता चला है कि कंपनी मालिक केके मिश्रा ने 10 साल पहले कानपुर के नयागंज से अपना कारोबार शुरू किया था। 10 साल में ही वह अरबपति बन गया। उसने टर्नओवर सिर्फ 30 करोड़ दिखा रखा था, मगर असल में उसका कारोबार 300 करोड़ था। इसके अलावा 200 करोड़ रुपए का फार्म हाउस और बंगले बनवा रखे थे। मजेदार बात यह है कि कारोबारी को आयकर विभाग भी सर्वश्रेष्ठ करदाता के तौर पर सम्मानित कर चुका है। कारोबारी का बेटा शिवम 2 महीने पहले रोलसरायल लेकर गुजरात गया था। यहां उसकी फैक्ट्री है। कार की कीमत 8 से 10 करोड़ रुपए थी। बताया जा रहा है कि इतने महंगी गाड़ी देखकर ही कुछ लोगों ने आयकर को सूचना दी। इसके बाद अफसरों ने कारोबारी की कुंडली खंगाली। इसके बाद उसके घर और ठिकानों पर छापेमारी की। कारोबारी के दिल्ली स्थित बंगले में काम करने वाले कुक और नौकरों के पास लेटेस्ट आईफोन थे। यह देखकर आयकर अफसर हैरान रह गए। अफसरों ने जब नौकरों से पूछताछ की, तो पता चला कि शिवम हर 6 महीने में फोन बदल देता है। वो कभी भी अपने फोन को बाजार में बेचता नहीं है, बल्कि अपने भरोसेमंद नौकरों को दे देता है। दिल्ली स्थित बंगले में गोलियों से भरा बैग भी मिला है। जांच में पता चला कि शिवम शूटिंग करता है, उसके पास इसका लाइसेंस भी है। हालांकि, अभी कारतूसों और लाइसेंस की जांच की जा रही है। तंबाकू कारोबारी ने गुजरात के ऊंझा के एक गांव में फैक्ट्री बनवाई है। यह फैक्ट्री तंबाकू और तंबाकू पत्ती की है। बताया जा रहा है कि ये इलाका सूखाग्रस्त है। यहीं पर कारोबारी ने एक फार्म हाउस भी बनवाया है। इसमें एक बड़ा स्वीमिंग पूल है। गुजरात के फार्म हाउस में जब अफसरों ने रेड की। वहां के नौकरों ने बताया कि यहां उन्हें बाथरुम इस्तेमाल करने की इजाजत तक नहीं है। नौकर या मजदूर फैक्ट्री में बने टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं या खुले में शौच करने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, कानपुर में 2 संपत्तियों के कागजात मिले हैं। जबकि दिल्ली स्थित बसंत विहार आवास से गुजरात और मुंबई में 20 से अधिक संपत्तियों के कागजात मिले हैं। कारोबारी के बेटे के नाम पर भी कई संपत्तियां मिली हैं। जिनकी कीमत 200 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है। इन संपत्तियों को खरीदने में पैसा कहां से आया, इसकी विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। वहीं, कानपुर में नयागंज स्थित फर्म और आवास से बड़ी संख्या में कारोबार से जुड़ी फाइलें जब्त की गई हैं। 50 करोड़ रुपए के लेन-देन के कच्चे पर्चे भी बरामद हुए हैं। ऐसे पर्चे दिल्ली और अहमदाबाद से भी मिले हैं। छापेमारी में हीरो से जड़ी डायमंड की 5 घड़ियां बरामद हुई हैं। इनकी कीमत साढ़े 12 करोड़ आंकी गई है। यानी हर एक घड़ी की कीमत ढाई करोड़ है। तंबाकू कारोबारी के दिल्ली आवास से मर्सिडीज, रोल्सरॉयस, लेम्बोर्गिनी समेत महंगी कारें मिली हैं। इनकी कीमत करीब 60 करोड़ आंकी गई है। कंपनी कानपुर की टॉप गुटखा कंपनियों को तंबाकू सप्लाई करती है। कंपनी 25-30 करोड़ का सालाना टर्नओवर दिखा रही थी। मगर अफसरों को वहां सिर्फ 50 करोड़ का स्टॉक मिला।