कानपुर। महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को जिले के सभी शिवमन्दिरों के साथ ही छोटे -बडे मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिवयोग का दुर्लभ संजोग बन रहा है। फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रात्रि 9:57 बजे पर आरंभ होगी और 9 मार्च को शाम 6:17 बजे पर समाप्त होगी। मान्यता है महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था। इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शहर के सभी बड़े मंदिरों में इस त्यौहार को लेकर तैयारियां तेज हो चली हैं।शहर के काशी कहे जाने वाले परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में सुरक्षा को लेकर खास तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर में आने वाली भीड़ को देखते हुए बैरियर और सीसीटीवी की संख्या में इजाफा किया जाएगा। 50 अतिरिक्त सेवक भी लगाए जाएंगे। सिद्धानाथ घाट में गुब्बारों और फूलों का शृंगार किया जाएगा। शिवरात्रि के मददेनजर नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने मंगलवार को अपने दल-बल के साथ ही आनन्देश्वर मन्दिर के आसपास निरीक्षण कर आवश्यक तैयारियों को अमली जामा पहनाने के निर्देश दिए।शिवरात्रि पर इस बार विशेष संयोग पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुक्रवार को भक्त सर्वार्थ सिद्धि योग में त्योहार मनाएंगे। शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। जागेश्वर मंदिर में महादेव का दूल्हे के रूप में शृंगार भक्त देख सकेंगे। परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में भक्तों के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी। शिवपुराण में बताया गया है कि जो लोग विवाहित हैं उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन पूरे विधि विधान से महाशिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए।महाशिवरात्रि पर परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में सुरक्षा को लेकर खास तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर में आने वाली भीड़ को देखते हुए बैरियर और सीसीटीवी की संख्या में इजाफा किया जाएगा। 50 अतिरिक्त सेवक भी लगाए जाएंगे। सिद्धानाथ घाट में गुब्बारों और फूलों का शृंगार किया जाएगा। पीरोड स्थित वनखंडेश्वर मंदिर में भी विशेष शृंगार के बीच दर्शन भक्तों को हो सकेंगे। वहीं महाशिवरात्रि में लाल बंगला से निकलने वाली शिव बारात 31 रथ शामिल किए जाएंगे। यह मठ मंदिर समन्वय समिति के संरक्षक बाल योगी अरुणपुरी चैतन्य महाराज के सानिध्य में शिव बारात निकाली जाएगी।यहां के निवासियों के मुताबिक शिव बारात में सजीव झांकी भी निकाली जाएगी जिसमें शिव -,पार्वती,गणपति महाराज राधा-कृष्ण आदि भगवानों की छवि कलाकारों के माध्यम से दिखायी जाएगी।