
संवाददाता।
कानपुर। नगर में पाकिस्तानी जासूस पर 10 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। ये फैसला कानपुर एडीजे-8 की कोर्ट ने शनिवार को सुनाया। एटीएस ने 13 साल पहले उसे कानपुर सेंट्रल स्टेशन कैंट साइड से अरेस्ट किया था। जांच में सामने आया था कि कानपुर में रहकर सेना की रेकी कर रहा था। रेलबाजार थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा गया था। अब 13 साल बाद कोर्ट ने मामले में सजा सुनाई है। मूलरूप से रांची के फिरदौस नगर थाना जगन्नाथ का रहने वाला फैसल रहमान उर्फ गुड्डू 2002-03 में रांची अपनी मौसी जाकिया मुमताज के यहां गया था। वहां रहने के दौरान फैसल की अपनी मौसी की बेटी साइमा से नजदीकी बढ़ी और दोनों ने निकाह कर लिया था। अपने वीजा को बढ़वाने के लिए वह एफआरआरओ ऑफिस गया था। फैसल ने बताया कि इस दौरान उसकी मुलाकात एक आईएसआई एजेंट से हुई। उसने बताया कि तुम्हारी पत्नी गर्वमेंट इस्लामिया कॉलेज में सरकारी नौकरी पर है। उसने बगैर इजाजत एक भारतीय मुसलमान से शादी की और बगैर अनुमति भारत आना-जाना भी है। अगर वह चाहे तो दोनों को जेल भिजवा सकता है।इसके बाद उसने कहा कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। अन्य बातों का हवाला देकर मोटीवेट किया और भारत में जासूसी करने के लिए राजी कर लिया। इसके बदले में लाखों रुपए देने का भी वादा किया। इसके बाद उसे 20 से 25 दिन की ट्रेनिंग दी गई और जासूसी के लिए भारत भेज दिया गया। एटीएस ने फैसल को 19 सितंबर 2011 को कानपुर कैंट सेंट्रल स्टेशन से अरेस्ट किया था। इसके बाद रेलबाजार पुलिस ने उसके खिलाफ जासूसी करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करके जेल भेज दिया था। अब 13 साल बाद कानपुर एडीजे-8 की कोर्ट ने फैसल रहमान उर्फ गुड्डू को 10 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। एटीएस की जांच के दौरान सामने आया था कि फैसल रांची, प्रयागराज, झांसी और बबीना में जासूसी करने के बाद कानपुर पहुंचा था। कानपुर कैंट समेत कई इलाकों की रेकी करके पाकिस्तान भेजा था। इसके साथ ही भारत से जुड़ी अन्य जानकारियां भी वह पाकिस्तान में साझा कर रहा था। अरेस्टिंग के दौरान वह कानपुर कैंट के पास रहकर रेकी कर रहा था। उसके पास से कानपुर कैंट के साथ ही कई नक्शे भी बरामद हुए थे। पाकिस्तानी जासूस फैसल रहमान उर्फ गुड्डू मौजूदा समय में जमानत पर बाहर चल रहा था। लेकिन 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना होने के बाद उसे दोबारा जेल भेज दिया गया। अगर समय रहते आईएसआई एजेंट फैसल की अरेस्टिंग नहीं होती तो पाकिस्तान किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए उससे रेकी करा रहा था। लेकिन एटीएस की सक्रियता के चलते उसे अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया था।