संवाददाता।
कानपुर। नगर में मेन्टेनेंस के कार्य के लिए मेमू शेड जा रही 8 बोगियों की मेमू की दो बोगियां डिरेल हो जाने से ओएचई लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। तेज आवाज के साथ हुए हादसे में हड़कम्प मच गया। सूचना पर रेलवे की इंजीनियरिंग, मैकेनिकल व आरपीएफ की टीम पहुंचीं हैं। हूटर बजने के बाद दुर्घटना राहत वाहन को भी भेजा गया। संचालन परीक्षण के तहत लोको शेड से सेंट्रल स्टेशन जा रही मेमू ट्रेन हादसाग्रस्त हो गई। कानपुर लोको केबिन-बी के पास हादसे के बाद ओवरहेड इलेक्ट्रिक यानी ओएचई लाइन बंद करने के दौरान दिल्ली-हावड़ा रूट और सेंट्रल के आसपास मुंबई, लखनऊ व प्रयागराज की ओर आने-जाने वाली 55 ट्रेनें लगभग 30 मिनट तक जहां की तहां खड़ी रहीं। पांच मालगाड़ी भी मुख्य ट्रैक से मालगोदाम के बीच प्रभावित रहीं। इससे नेताजी एक्सप्रेस, मनवर संगम एक्सप्रेस, हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़ राजधानी, नई दिल्ली तेजस राजधानी, पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस समेत इन मार्गों पर दौड़ रही 55 ट्रेनों को रोकना पड़ा। ट्रेन में कोई यात्री नहीं होने से सभी ने राहत की सांस ली। इससे पहले राहत कार्य के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रिक यानी ओएचई लाइन बंद होने के कारण 25 मिनट तक दिल्ली-हावड़ा रूट, सेंट्रल स्टेशन व आसपास के सभी रेल ट्रैक की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। हादसा रविवार रात को हुआ, गनीमत रही कि यह हादसा मेन लाइन में नहीं हुआ। सूचना पर रेल अफसर भी पहुंचे, हादसे के बाद मालूम पड़ा कि ओएचई की मास टेड़ा होने से समस्या है। वैसे एआरटी की टीम राहत कार्य में जुट गई। वहीं इलेक्ट्रिक विभाग के इंजीनियर ओएचई की समस्या को दूर करने में जुटे हैं। जल्द डाउन लाइन में ट्रेनों का आवागमन शुरू किया जा सके। उम्मीद जताई जा रही है कि रात डेढ़ बजे तक डाउन लाइन चालू हो पाई। एसीएम संतोष त्रिपाठी ने बताया कि डाउन लाइन को देर रात तक चालू कर लिया गया। जिससे मेमू आदि के आवागमन की व्यवस्था सामान्य रूप से शुरू हुई।