संवाददाता।
कानपुर। नगर में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्र, राजकीय बाल गृह, कानपुर और आरोग्य क्लीनिक लाल बंगले में निशुल्क स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें लगभग 80 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक, संस्थान के निदेशक डॉ. दिग्विजय शर्मा, डॉ. राम किशोर, हरीश चन्द्र शर्मा ने दीप प्रज्वलन व धन्वन्तरि पूजन-आरती के साथ किया। वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक ने इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों को शरद ऋतु के अनुसार आहार-विहार और बच्चों में होने वाले कृमि रोग पर विशेष रूप से ध्यान देने का परामर्श दिया। उन्होंने अभिभावकों से आहार में लाल मिर्च का प्रयोग न करने का विशेष आग्रह किया। डॉ. वंदना पाठक ने पुष्य नक्षत्र में होने वाले स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। संस्कार की महत्ता बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से स्वर्ण प्राशन भी एक संस्कार है। यह बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित करने में विशेष रूप से सहायक है। जिन बच्चों में यह संस्कार नियमित रूप होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम देखी गई हैं। स्वर्णप्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए।