संवाददाता।
कानपुर। नगर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि वेक्टर जनित बीमारियों जैसे- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, टीबी, इंसेफेलाइटिस और कुष्ठ रोगों के नियंत्रण व उन्मूलन के प्रयासों से हर व्यक्ति को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। वह शुक्रवार को जिला पुरुष चिकित्सालय, उर्सला सभागार में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियों को लेकर प्रथम जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय की बैठक को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 3 से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही 16 से 31 अक्टूबर तक घर-घर दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसमें 12 अलग- अलग विभाग जन जागरूकता के साथ वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों में योगदान देंगे। सीएमओ ने अभियान की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग समेत सभी 12 सहयोगी विभागों से चर्चा की। उन्होंने समस्त विभागों को निर्देशित किया कि जनपद के नगर या ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी जल जमाव, गंदगी आदि की स्थिति पैदा न हो। इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। नगर में कहीं भी जल भराव, नाली जाम आदि की स्थिति होने पर नगर निगम तुरंत कार्रवाई करें। इसी तरह की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में होने पर पंचायती राज व ग्राम विकास विभाग की ओर से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों, घनी आबादी व अन्य मलिन बस्तियों में एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग आदि का कार्य भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से ही संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जवाबदेही के साथ पालन करे। इस अभियान के अंतर्गत ही ‘दस्तक अभियान’ 16 से 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स मच्छर जनित एवं संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करें। अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों के बारे में बताएंगे और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी भी देंगे। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करेंगे।एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार व आई० एल० आई० (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) के रोगियों, क्षय रोग, कुष्ठ रोग एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी। इसके साथ ही क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया हो। समस्त रिपोर्ट को ई-कवच पोर्टल पर फीड किया जाएगा। इसकी नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग भी की जाएगीजिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या रें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी।