March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
विकास खंड सरसौल के नरायनपुर गांव की सुनीता ने महिलाओं की मदद के लिए एक अनूठी पहल की है। वह पिछले दो साल से बेसहारा, गरीब और घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं।
सुनीता ने जुलाई 2022 में 11 महिलाओं के साथ यह काम शुरू किया था। वह महिलाओं को सिलाई, मोती का काम और ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण नि:शुल्क दे रही हैं। अब तक 50 से अधिक महिलाएं इस प्रशिक्षण से जुड़ चुकी हैं।
सुनीता ने नरायनपुर गांव में नारी निकेतन की स्थापना की है। यहां वह गरीब बच्चों को मुफ्त कोचिंग और योग सिखाती हैं। 

सुनीता की खुद की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है। चार साल पहले उनकी शादी नरवल के पूरनपुर गांव में हुई थी। उन्हें शादी के बाद दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। ढाई साल की यातना के बाद वह मायके लौट आईं। मायके लौटने के बाद सुनीता ने खुद को मजबूत करने का फैसला किया। उन्होंने वीरांगना महिला सेवा समिति, नमामि गंगे और नाबार्ड की स्वरोजगार योजना से प्रशिक्षण लिया। अब वह दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही हैं।
सुनीता के पिता अंबिका प्रसाद किसान हैं। उनके परिवार में दो बहनें सोमवती और सुनीता तथा तीन भाई राधेश्याम, तेजपाल और सूरज हैं। उनकी माता का नाम रामजानकी है।