आ स. संवाददाता
कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ शिकायतों के भण्डारण के बाद शासन ने सख्त कदम उठाते हुए मामलों की जांच करने का निर्णय लिया है। शासन की ओर से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति जांच के लिए कर दी गयी है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई शिकायतों के मददेनजर शासन की ओर से यह कदम उठाया गया है। शासन की ओर से शुरु की जांच प्रक्रिया के बाद से शिकायतकर्ताओं को अब न्याय की उम्मीद जग गयी है। अलीगढ क्रिकेट संघ से जुडे पूर्व पदाधिकारी की ओर से दर्ज करवायी गयी शिकायतों में मुख्य रूप से ग्रीन पार्क स्टेडियम, का उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) द्वारा अनुबंध उल्लंघन, सरकारी खजाने को नुकसान और भ्रामक प्रचार के संबंध में कार्रवाई का निवेदन किया गया है । उन्होनें अपनी शिकायत में यह भी दर्शाया है कि ग्रीन पार्क स्टेडियम प्रदेश सरकार की अनमोल धरोहरों में शामिल है, जो राज्य के खेल विकास में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन, हालिया घटनाओं और तथ्यों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने इस धरोहर को अनुचित लाभ का साधन बना लिया है। यह अनुबंध की शर्तों का खुला उल्लंघन करते हुए सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा है। 2015 में खेल विभाग और (यूपीसीए) के बीच हुए अनुबंध के अनुसार (यूपीसीए) को पहले पांच वर्षों तक ₹1 करोड़ और 2019 के बाद ₹1.25 करोड़ प्रति वर्ष का भुगतान करना था। • इसके अलावा, राष्ट्री य और अंतरराष्ट्री य मैचों के आयोजन पर अलग से ₹12-₹25 लाख किराए के रूप में देना था। हालांकि, 2015 से 2021 तक (यूपीसीए) ने केवल ₹1 करोड़ जमा किया, जबकि 2019 से ₹1.25 करोड़ वार्षिक जमा करने का दायित्व था। यह सरकारी खजाने को ₹12 करोड़ से अधिक के नुकसान का मामला बनता है। 2. मैच फीस और किराए में अनियमितताएं(यूपीसीए) और ग्रीन पार्क के अधिकारियों की मिलीभगत से रसीद संख्या 1 (दिनांक 30/03/2016) में ₹71,000/- की मैच फीस ली गई, जबकि सरकारी दर ₹62,500/- थी। यह रकम सरकारी खजाने में जमा नहीं की गई। • रसीद संख्या 656831 (दिनांक 22/04/2019) के तहत ₹62,500/- की बुकिंग फीस ली गई और दबाव डालकर ₹10,650/- का अतिरिक्त भुगतान करवाया गया। 3.आरटीआई द्वारा खुलासा: आरटीआई से यह जानकारी मिली कि: (यूपीसीए) को बीसीसीआई के कार्यक्रमों को छोड़कर ग्रीन पार्क की बुकिंग करने का अधिकार नहीं था। बावजूद इसके, (यूपीसीए) ने इस नियम का उल्लंघन कर अनुचित लाभ उठाया। हाल ही में प्रकाशित समाचार में कहा गया कि “उत्तर प्रदेश सरकार ग्रीन पार्क स्टेडियम की क्षमता बढ़ाने के लिए अपने फंड का उपयोग करेगी।” (यूपीसीए) जो ₹500 करोड़ मासिक आय और ₹140 करोड़ वार्षिक आयकर भुगतान का दावा करता है, ने अनुबंध के बकाया का भुगतान नहीं किया और भ्रामक प्रचार कर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया है। ग्रीन पार्क स्टेडियम के लिए (यूपीसीए) के साथ हुआ अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया जाए। भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकने के लिए पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। (यूपीसीए) से ₹12 करोड़ से अधिक बकाया रकम और अन्य आर्थिक नुकसान की तत्काल वसूली की जाए। सरकार के राजस्व को हुए नुकसान के लिए दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ग्रीन पार्क के सरकारी कर्मचारियों और (यूपीसीए) के अधिकारियों की मिलीभगत की निष्पक्ष जांच की जाए। दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं। सरकार को बदनाम करने और दबाव बनाने के उद्देश्य से किए गए भ्रामक प्रचार पर तुरंत रोक लगाई जाए। ग्रीन पार्क स्टेडियम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाकर खिलाड़ियों और जनता के हित में संरक्षित किया जाए। निष्कर्ष: मान्यवर, उपरोक्त सभी बिंदु गंभीरता से सरकारी राजस्व को हो रहे नुकसान और ग्रीन पार्क जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की छवि धूमिल करने का स्पष्ट प्रमाण देते हैं। मुख्यमन्त्री से अपील की गयी है तत्काल कार्रवाई से न केवल इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा बल्कि प्रदेश में पारदर्शिता और न्याय की स्थापना का उदाहरण भी पेश हो सकेगा।इस मामलों की जांच के लिए शासन की ओर से संयुक्त् सचिव जल्द ही अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे।