कानपुर। अपने ही पिता पर मां की गला घोटकर हत्या करने का आरोप लगाने वाले आठ साल के बच्चे की सोमवार तड़के संदिग्ध हालात में मौत हो गई। बच्चे के ननिहाल वालों ने एक बार फिर से उसके पिता पर ही बच्चों को जहर देकर मारने का आरोप लगाया है। गौरतलब हे कि बृहस्पतिवार को मां की हत्या का आरोप बच्चे ने अपने पिता पर लगाया था मॉं की मौत के बाद बच्चों को ननिहाल वाले अपने घर लेकर चले गए थे। मूलरूप से ककवन थाना क्षेत्र के सकरवां के रहने वाला रिक्शा चालक धर्मेंद्र कल्याणपुर के कश्यपनगर में पत्नी विनीता (28) व बेटे शनि (8) और चार साल की बेटी प्रीति के साथ रहता था। 11 जुलाई की रात संदिग्ध हालात में विनीता की मौत हो गई थी। इस दौरान बेटे शनि और बेटी प्रीति ने पुलिस को गवाही देते हुए पिता पर ही मां को बेरहमी से पीटने और साड़ी से गला घोटकर हत्या का आरोप लगाया था। कल्याणपुर पुलिस ने धर्मेंद्र को हिरासत में भी ले लिया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ न होने और किसी की ओर से तहरीर न मिलने पर उसे छोड़ दिया था। शनिवार को धर्मेंद्र कानपुर देहात के मैथा स्थित ससुराल गया और दोनों बच्चों की अच्छी परवरिश करने का वायदा कर गांव ले आया। यहां रविवार तड़के दोनों बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ी तो वह स्थानीय सीएचसी ले गया, जहां बेटे शनि को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस बीच ननिहाल पक्ष को किसी ने घटना की खबर दे दी। उन्होंने पुलिस को सूचना देते हुए सीएचसी से प्रीति को पहले कल्याणपुर के निजी अस्पताल पहुंचाया और फिर वहां से हैलट ले गए, जहां आईसीयू में वह जिंदगी की जंग लड़ रही है। उधर, परिजनों की ओर से दी तहरीर में दोनों बच्चों को जहर देने का आरोप लगाए जाने पर ककवन व कल्याणपुर थाना समेत पुलिस की पांच टीमें आरोपी पिता धर्मेंद्र की तलाश में जुट गई हैं। घटना के बाद बच्चों की नानी राम दुलारी ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना कार्रवाई किए ही उनकी बेटी की मौत का कारण बनने वाले आरोपी धर्मेंद्र को छोड़ दिया। कहा कि अगर पुलिस आरोपी जितेंद्र को थाने से न छोड़ती तो ये घटना नहीं होती। हालांकि इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि जब बच्चों ने पिता के खिलाफ पुलिस में गवाही दी थी तो ननिहाल पक्ष ने भी क्यों उन्हें धर्मेंद्र के सुपुर्द कर दिया।