संवाददाता।
कानपुर। नगर में मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर द्वारा मान्यता प्राप्त मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ कोर्स की शुरुआत पहली बार छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में होने जा रही है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। केवल शासन को सूचना देना बाकी है। एडमिशन प्रक्रिया भी अगले महीने से शुरू हो जाएगी। बताते चलें कि एमपीएच कोर्स अभी तक उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी संस्थान में नहीं होता था। इसके लिए विद्यार्थियों को अलग-अलग स्टेट में जाना पड़ता था और भारी भरकम फीस भी चुकानी पड़ती थी। आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो. संदीप सिंह ने बताया कि यह कोर्स पहली बार शुरू होने जा रहा है और इसमें एडमिशन की प्रक्रिया 15 जुलाई से शुरू हो जाएगी। अभी 30 सीटों पर आवेदन मांगा गया है। पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर इसमें एडमिशन लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कोर्स को करने के लिए विद्यार्थियों को एक लाख से लेकर 6 लाख रुपए तक की फीस चुकानी पड़ती थी। अब कानपुर विश्वविद्यालय में यह कोर्स कराया जाएगा। यह कोर्स 2 साल का होगा और इसमें 4 सेमेस्टर होंगे। प्रतिवर्ष मात्र 11000 रुपए फीस होगी और परीक्षा शुल्क अलग होगा। मतलब की 35000 रुपए के अंदर ही विद्यार्थी अपना पूरा कोर्स कर लेंगे। प्रो. संदीप सिंह ने बताया कि कोविड काल के बाद से पब्लिक हेल्थ सेक्टर में काफी काम बढ़ गया है। इसी को देखते हुए इस कोर्स का संचालन किया जा रहा है। बताते चले कि यहां पर जो कोर्स शुरू होने जा रहा है उसमें कम्युनिटी और सोशल हेल्थ सेक्टर पर काम किया जाएगा, क्योंकि मेडिसिन पर तो हर जगह काम हो रहा है। इस सेक्टर में काम नहीं हो रहा है। प्रो. सिंह ने बताया कि इस कोर्स को लेकर सर्व समन्वय फाउंडेशन और नेशनल यूथ फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ है। यह संस्थान विदेश के प्रोफेसरों के लेक्चर कराएंगी, ग्लोबल इंटर्नशिप छात्राओं को उपलब्ध कराएंगी और प्लेसमेंट में भी सहयोग करेंगी। उन्होंने बताया कि इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए किसी भी विषय से ग्रेजुएशन होना अनिवार्य है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र प्रोग्राम मैनेजर, हेल्थ कम्युनिटी, पॉलिसी एनालिस्ट, हेल्थ एजुकेटर आदि क्षेत्रों में अपना भविष्य बना सकते हैं।