संवाददाता।
कानपुर। नगर मे आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) ने नए सत्र में ड्रोन स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रोग्राम लॉन्च किया है। संस्थान में मानव रहित हवाई वाहनों के क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और डिजाइन के लिए उत्कृष्टता केंद्र उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) के साथ मिलकर यूएवी/यूएएस/ड्रोन एक्सेलेरेशन एंड नेटवर्किंग (यूडीएएन) कार्यक्रम शुरू किया है। उड़ान कार्यक्रम के तहत प्रतिवर्ष 20 स्टार्टअप का चयन किया जाएगा। इन स्टार्टअप को एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट किया जाएगा, जहां उन्हें अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं, तकनीकी सलाह, वित्तपोषण के अवसर और अमूल्य उद्योग संबंधों तक पहुंच प्राप्त होगी। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर-इंचार्ज प्रो. अंकुश शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धी ड्रोन परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करने के लिए डिजाइन की गई एक व्यापक सहायता प्रणाली प्रदान करता है। इसमें रणनीतिक उत्पाद और व्यवसाय विकास सहायता, बाजार विश्लेषण, ग्राहक लक्ष्यीकरण, गठबंधन निर्माण और विकास योजना विकास शामिल हैं। इसके अलावा, ड्रोन सीओई में स्टार्टअप्स को हेलीकॉप्टर और वीटीओएल प्रयोगशाला, फ्लाइट प्रयोगशाला और राष्ट्रीय पवन सुरंग सुविधा सहित अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त होगी। उन्हें कार्यशालाओं, लघु पाठ्यक्रमों, प्रमुख यूएवी विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर फैकल्टी से मार्गदर्शन का भी लाभ मिलेगा। प्रत्येक समूह में शीर्ष छह स्टार्टअप को प्रति वर्ष 3 लाख रुपये की फेलोशिप सहायता मिलेगी, जो उनके निरंतर नवाचार और विकास के लिए महत्वपूर्ण होगी। प्रो. अंकुश शर्मा ने कहा कि, “यूएवी/यूएएस एक्सेलेरेशन प्रोग्राम ड्रोन क्षेत्र में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। स्टार्टअप्स को विश्व स्तरीय संसाधनों और मार्गदर्शन तक पहुंच प्रदान करके, हमारा लक्ष्य भारत में यूएवी उद्योग के विकास में तेजी लाना और तकनीकी प्रगति में योगदान देना है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता है।”