संवाददाता।
कानपुर। नगर मे सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई है। 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। महराजगंज जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इरफान की पेशी हुई। इसी केस में इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद हैं। इरफान के भाई रिजवान को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट का फैसला आने के बाद इरफान के वकील करीम अहमद सिद्दीकी ने कहा- हम जजमेंट से खुश नहीं हैं। वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद अब कानपुर की सीसामऊ सीट से उनकी विधायक की कुर्सी भी चली जाएगी। फैसला सुनाने से पहले सभी दोषियों के परिजनों को कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया गया। कोर्ट परिसर में हंगामे के चलते पुलिस ने सभी को जबरन बाहर निकाला। 3 बजे कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष ने कोर्ट में दलीलें दीं। अभियोजन पक्ष की वकील प्राची श्रीवास्तव ने कहा- दोषी इरफान सोलंकी लोक सेवक हैं। उनकी जिम्मेदारी दूसरों से ज्यादा थी। उनका अपराध गंभीर है, इसलिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इससे समाज में नजीर पेश होगी। पीड़िता गरीब और बेघर है, इसलिए जुर्माने की अधिकतम राशि उसको दी जाए। बचाव पक्ष के वकील सईद नकवी कहा- इरफान सोलंकी विधायक हैं। सजा से उनकी विधायकी पर भी खतरा है। उन्होंने केडीए से प्लॉट खरीदा था। आगजनी के सबूत नहीं हैं। इसलिए कम से कम सजा दी जाए। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने शाम 6 बजे फैसला सुनाने का समय दिया है। फैसले को देखते हुए कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इरफान के समर्थक कोर्ट पहुंच गए। एमपी/एमएलए कोर्ट ने 3 जून को इरफान समेत पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था। जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य गुंडों पर पड़ोसी महिला नजीर फातिमा का प्लॉट में बने अस्थाई घर फूंकने का आरोप है। नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान, रिजवान समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था, 7 नवंबर 2022 को रात 8 बजे उसका परिवार भाई की शादी में गया था। तभी रिजवान सोलंकी, इरफान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी। साजिश के तहत ऐसा किया गया, जिससे वह घर छोड़कर भाग जाए और विधायक परिवार उस पर कब्जा कर ले। आग से गृहस्थी, फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और बाकी सामान जल गया था। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जाजमऊ पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना भी इस केस में शामिल थे। इरफान और रिजवान समेत सभी दोषी इस समय में जेल में बंद हैं। पुलिस ने आगजनी के मुकदमे में तीन आरोप पत्र लगाए थे। पहले में इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजराइल आटावाला के नाम थे। दूसरे में अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू को अभियुक्त बनाया गया। तीसरे आरोप पत्र में शकील चिकना का नाम आया। इसलिए अभी अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना के खिलाफ विचारण होगा। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी ने बताया कि इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजराइल आटे वाले के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पूरा हो चुका था। गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद विधायक और उनके गैंग की करीब 30 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। साथ ही विधायक के 5 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। जिसमें संपत्तियों की लंबी फेहरिस्त मिली है। वहीं, जब इरफान कानपुर जेल में बंद थे, तब अखिलेश यादव उनसे मिलने गए थे। इसके बाद उन्हें महराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। इरफान सोलंकी राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे। राजनीति इरफान को विरासत में मिली है। उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे हैं। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सोलंकी ने पहली बार साल 2007 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में आर्य नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वह इस चुनाव में सपा को जीत दिलाने में सफल रहे। इसके बाद 2012 में और 2017 की मोदी लहर में भी सोलंकी को कोई हरा नहीं पाया। दोनों ही चुनाव में वह सपा के टिकट पर सीसामऊ सीट से चुनाव लड़े थे। 2022 में भी सोलंकी को इसी सीट पर जीत मिली थी। साल 2003 में इरफान सोलंकी की नसीम सोलंकी के साथ शादी हुई थी, जिससे उन्हें एक बेटा और दो बेटियां हैं। पेशे से कारोबारी इरफान सोलंकी का लेदर का कारखाना है।