संवाददाता।
कानपुर। नगर मे अंडरग्राउंड वाटर दोहन करने पर शहर के 172 वाहन धुलाई सर्विस सेंटर पर जलकल ने बड़ी कार्रवाई की है। छह जोनों में बंदी के निर्देश के बावजूद सर्विस सेंटरों पर कुल 63.27 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही वाहन की धुलाई कार्य को तत्काल बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जलकल महाप्रबंधक एके त्रिपाठी के अनुसार अवैध रूप से संचालित हो रहे वाहन धुलाई सेंटर अगर अब चलते मिले तो एफआईआर दर्ज होगी। जोन-6 में सबसे ज्यादा 52 सर्विस सेंटर पर कार्रवाई की गई है। भीषण गर्मी के चलते शहर में पेयजल की मांग बढ़ गई है। अलग-अलग क्षेत्रों में अन्तिम छोर पर पड़ने वाले भवनों को में लो प्रेशर से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। जिसकी शिकायतें लगातार जलकल विभाग को मिल रही हैं। नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने पेयजल व्यवस्था को सुचारू करने के लिये वाहन धुलाई सेंटरों, जिनसे वेस्ट वॉटर नाले में बहाया जाता है, उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं, जिसको लेकर जलकल ने जोन एक से छह तक संचालित होने वाले 172 वाहन धुलाई सेंटरों पर 63 लाख 27 हजार 543 रुपये का जुर्माना लगाया है। जलकल महाप्रबंधक ने कहा कि वाहन धुलाई सर्विस सेंटरों द्वारा विभागीय संयोजन लिया गया है उनको तत्काल काट दिया जाए। जिन वाहन धुलाई सर्विस सेंटरों में निजी बोरिंग हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही के लिए भूगर्भ जल विभाग को अवगत कराया जाए। किसी प्रकार शिथिलता न बरती जाए। शहर में रोजाना औसतन साढ़े पांच लाख लीटर पानी बर्बाद होता है। एक आंकड़े के अनुसार एक कार की धुलाई में औसतन 150 से 200 लीटर पानी बहाया जा रहा है। वहीं, बाइक की धुलाई में लगभग 55-60 लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। जिससे समस्या बढ़ने की संभावना है। जलकल विभाग की जांच के मुताबिक शहर में 500 से ज्यादा वाहन धुलाई सेंटर हैं। इसमें सबसे ज्यादा धुलाई सेंटर बकरमंडी, रामबाग, नौबस्ता, शास्त्री नगर, 80 फीट रोड, नयापुरवा, बारादेवी, गौशाला, जूही, बर्रा, किदवई नगर, लालबंगला, रतनलाल नगर, कल्याणपुर, मसवानपुर में हैं। गली मोहल्ले में छोटे-छोटे धुलाई सेंटर हैं वह अलग हैं। सर्विस सेंटर वालों को पानी का कामर्शियल कनेक्शन लेना होता है, इसके साथ ही कॉमर्शियल मीटर भी लगाना पड़ता है। इसके बाद भी बिना एनओसी के संचालन गैर कानूनी है।