संवाददाता।
कानपुर। नगर में कुत्ते के हमले में बच्ची की मौत की नींद सोने के बाद नगर निगम जाग गया है। आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम नगर निगम ने शुरू कर दिया है। पारा बढ़ते ही शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। आए दिन कुत्ते किसी ना किसी को शिकार बना रहे हैं। रविवार यानी 26 मई की देर रात एक बच्ची को कुत्तों ने नोंचकर मार डाला, जबकि एक अन्य को घायल कर दिया। वर्तमान में स्थिति यह है कि शहर की हर गली, सड़क, सरकारी दफ्तर, पार्क, अपार्टमेंट और स्कूल के बाहर कुत्तों का झुंड नजर आ जाएगा। करीब सवा लाख आवारा कुत्ते शहर की सड़कों पर घूम रहे हैं। पॉश इलाके भी कुत्तों के आतंक से दूर नहीं हैं। तिलक नगर आर्य नगर, स्वरूप नगर, दर्शनपुरवा, रामबाग, मरियमपुर, रामकृष्ण नगर, गांधी नगर, जवाहर नगर, ईदगाह, फेथफुलगंज, छपेड़ा पुलिया, परेड चौराहा, परमट, नमक फैक्ट्री चौराहा आदि क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक है। शहर में कुत्तों के काटने का ग्राफ बीते 2 साल में दो गुना हो चुका है। पहली बार कुत्ते मुंह और गर्दन के आसपास ज्यादा काटने लगे हैं। इसका सर्वाधिक रिकार्ड दर्ज किया गया है। इससे अब एआरवी की एक डोज नाकाफी हो गई है। चार डोज लगाने से ही संक्रमण बच पा रहा है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक कुत्तों ने इस समयावधि में 45,027 लोगों को काटा जिसमें से 17,810 लोगों के मुंह और आसपास हमला किया। नगर निगम भी नतमस्तक है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कुत्तों का बंध्याकरण (नसबंदी) कराके पकड़े गए स्थान पर छोड़ देता है। लगभग डेढ़ लाख कुत्तों में अभी तक 42 हजार कुत्तों का बंध्याकरण हो पाया है। कुत्तों को उनके इलाके से पकड़कर कहीं और नहीं ले जा सकते। मगर, इस पर कोई रोक नहीं है कि कुत्तों की जनसंख्या में कमी लाई जाए। इसी वजह से शहर के फूलबाग में एबीसी सेंटर की स्थापना हुई। पहले तय हुआ कि 50 कुत्तों को रोजाना नसबंदी होगी। बाद में विस्तार हुआ तो क्षमता 100 तक पहुंच गई मगर हकीकत यह है कि रोजाना 50 कुत्तों की भी नसबंदी नहीं हो पा रही। इससे कुत्तों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि फिर से हमले की घटनाएं बढ़ गईं हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया-फूलबाग में एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर (एबीसी सेन्टर) स्थापित कर 2 गाड़ियों के माध्यम से विभिन्न स्थानों से रोजाना 40 आवारा निराश्रित कुत्तों को पकड़कर बंध्याकरण का कार्य किया जा रहा है, जिन्हें कुछ दिनों के बाद दोबारा पकड़े हुए स्थान पर छोड़ा जाता है। अब तक कुल 42,000 कुत्तों का बांध्याकरण किया जा चुका है। क्षमता में वृद्वि किये जाने के लिये एक अन्य एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर का निर्माण किशनपुर में किया जा रहा है, जो कि माह अक्टूबर 2024 के अन्त तक संचालित हो जाएगा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि वर्तमान में भीषण गर्मी के प्रकोप के कारण पालतू कुत्तों में हिंसक प्रवृत्ति को रोकने हेतु लगातार कुत्तों के पीने के पानी की व्यवस्था रखें। इसके साथ ही साथ आवारा कुत्तों को भी पत्थर, डंडे आदि से न मारे, यदि सम्भव हो तो घर के बाहर पानी की नांद भी रख सकते है।