संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश में लगातार मौसम करवट ले रहा है। मौसम विभाग की मानें तो इस बार अच्छे मानसून के साथ गर्मी का असर भी लंबा खीचेगा। मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई महीने तक हीटवेव का असर बरकरार रहेगा। साथ ही पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार मौसम में नया बदलाव दिखेगा। वहीं 18 अप्रैल से पश्चिमी यूपी के जिलों में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक 18 से 21 अप्रैल तक पश्चिमी यूपी के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है। 18 को सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद में बारिश का पूर्वानुमान है। इसके बाद ये सिलसिला आगे के शहरों की तरफ बढ़ता जाएगा। हालांकि अप्रैल माह में अभी तक औसत से 98 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में लगातार वाराणसी शहर का सबसे तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया। यहां अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। वहीं गोरखपुर, प्रयागराज और झांसी मंडल में भी तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान की बात करें तो बस्ती में 19.5 डिग्री दर्ज किया गया जो प्रदेश में सबसे कम रहा। औसत तापमान अधिकतम 39 और न्यूनतम 24 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। पिछले तीन सालों में अप्रैल की बात करें तो 12-13 अप्रैल से ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला गया था। इस वर्ष भी ऐसा ही हो रहा है। सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक इस बार 21 अप्रैल से 31 जुलाई तक हीटवेव चलने की संभावना है। इस बार भी ऐसा पहली बार हो रहा है कि अप्रैल तक पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है और मैदानी इलाकों में बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। मौसम विज्ञानी डा. पांडेय के मुताबिक वर्ष-1951 से लेकर 2023 तक का डाटा देखने से पता चलता है कि देश में नौ बार मानसून सामान्य से बेहतर रहा है। ला नीना प्रभाव के चलते ही ऐसा हुआ। सामान्य बारिश के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक पूरे देश की कुल वर्षा का औसत 87 सेमी. होगा। वहीं प्रदेश में 1060 मिमी. तक औसत बारिश हो सकती है। चार महीनों तक (जून से सितंबर तक) सामान्य से ज्यादा बारिश होगी और 106 प्रतिशत तक होगी। बारिश के दिनों में कमी आ रही है, जबकि एक या दो दिनों में ही भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके चलते ही बाढ़ और सूखे की समस्या देखने को मिल रही है।