February 5, 2025

संवाददाता।

कानपुर। नगर में भारतीय बाल रोग अकादमी की कानपुर शाखा व पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर की ओर से विश्व ऑटिज्म दिवस के अवसर पर मंगलवार को एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर आजाद नगर में किया गया। कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. यशवंत राव ने बताया कि ऑटिज्म न्यूरो- विकास से संबंधित एक विकलांगता है जो बच्चे की सोशल, कम्युनिकेशन एवं बिहेवियर स्किल्स को कई तरह से प्रभावित करता है। विश्व में 160 में से एक बच्चा ऑटिज्म से प्रभावित होता है। बच्चों में 2 से 3 वर्ष की आयु में ही ऑटिज्म के लक्षण मिलना प्रारंभ हो जाते हैं। इसके लक्षण कुछ खास है, जैसे-अपने में ही खोया रहना एवं गुमसुम रहना, आंखों में आंख डाल कर बात नहीं करना, अपना नाम पुकारे जाने पर कोई प्रतिक्रिया ना देना, बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं लेना, कोई नया बदलाव पसंद ना करना, एक ही काम को बार-बार करते रहना आदि इसके लक्षण होते हैं। बाल रोग अकादमी सचिव डॉ. अमितेश यादव ने बताया के विश्व में लगभग 7 करोड और भारत में एक करोड़ लोग ऑटिज्म से प्रभावित है। इसका पूरी तरह कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, परंतु इसकी जल्दी पहचान एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी इत्यादि से स्थिति की गंभीरता को काफी हद तक कम करके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना संभव हुआ है। डॉ. नेहा अग्रवाल ने बताया की ऑटिज्म के संबंध में डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ एवं समाज में जागरूकता की भारी कमी है, जिससे सभी मामले सही समय पर सामने नहीं आ पाते और उचित उपचार नहीं मिल पाता है। इस कार्यक्रम में सेंटर की मेनेजिंग डायरेक्टर रूमा चतुर्वेदी, डॉ. साइमा वस्ती एवं बड़ी संख्या अभिभावक एवं बच्चे भी उपस्थित रहे। इसी क्रम में दूसरा कार्यक्रम स्वरुप नगर में किया गया। वहां पर बच्चों एवं उनके अभिभावकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ऑटिज्म प्रभावित बच्चों के लिए एक पेंटिंग कंपटीशन का रखा गया और विजेता छात्रों को आईएपी पदाधिकारियों द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. सुनील तनेजा भी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *