कानपुर। ईरान के ऊपर बने दबाव से विकसित पश्चिमी प्रभाव को अब राजस्थान के ऊपर बने उत्प्रेरित चक्रवाती हवाओं की मदद मिलने लगी। इससे उत्तर प्रदेश के मौसम में एक बार फिर बदलाव होने की संभावना बढ़ गई है। हवाओं की दिशाएं बदलने से जहां तापमान में कम हो गया है तो वहीं मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बूंदाबांदी की संभावना है। इसके साथ ही तेज हवाओं के साथ आकाशीय बिजली चमकने के आसार हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अब पश्चिमी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 3.1 और 4.5 किलोमीटर ऊपर है। 5.8 किलोमीटर के स्तर पर निम्न दबाव की रेखा मध्य और ऊपरी पश्चिमी हवाओं के साथ लगभग 62 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ 20 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में चल रही है। एक चक्रवर्ती हवाओं का क्षेत्र में उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण असम और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किमी ऊपर है। दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा उत्तरी तमिलनाडु से लेकर आंतरिक कर्नाटक और मराठवाड़ा तक दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश के चक्रवाती परिसंचरण तक फैली हुई है। इससे उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव होने की संभावना है। राजस्थान और मध्य प्रदेश से सटे हुए जिलों व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्तर पर बूंदाबांदी के आसार बन गये हैं। इस दौरान तेज हवाएं चलेंगी और मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमक सकती है।
बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 35.8 और न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 74 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 39 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 3.9 किमी प्रति घंटा रहीं। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार कानपुर में अगले पांच दिनों मे हल्के से मध्यम बादल छाये रहने के आसार हैं किंतु वर्षा की कोई संभावना नहीं है। तेज हवाओं के चलने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, संभल, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास इलाकों में मेघ-गर्जन एवं वज्रपात की संभावना है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि सुरक्षित स्थान व पक्के मकान में शरण लें। मेघ गर्जन के समय मोबाइल का प्रयोग न करें और मोबाइल टावरों से दूर रहें। किसान भाई ऐसे में पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें।