June 20, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
आईआईटी कानपुर ने अपने एडवांस्ड सेंटर फॉर मैटेरियल्स साइंस के माध्यम से मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से नैनो-इंडेंटेशन और नैनो-मैकेनिक्स पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, भारत सरकार, ब्रूकर लिमिटेड और इंडस्ट्रोन लिमिटेड द्वारा समर्थित इस कार्यशाला में संबंधित क्षेत्र में प्रगति का पता लगाएंगे। छात्रों और रिसर्च स्कॉलरों सहित लगभग 85 प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया।
एसीएमएस के प्रमुख और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर प्रो.अनीश उपाध्याय ने शिक्षा जगत, शोध संस्थानों और उद्योग के लिए एडवांस्ड मटेरियल कैरेक्टराइजेशन को बढ़ावा देने में एसीएमएस की भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला समन्वयक प्रो. नीलेश प्रकाश गुराव ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग से प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की भागीदारी का उल्लेख करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
एमएसई विभाग के प्रमुख और एसीएमएस में इंडेंटेशन प्रयोगशाला के समन्वयक प्रो. कांतेश बलानी ने कहा कि  आईआईटी कानपुर में, हम मानते हैं कि नैनोइंडेंटेशन केवल एक तकनीक नहीं है, बल्कि नैनोस्केल पर सामग्री के व्यवहार को समझने का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। हमारी प्रतिबद्धता शोधकर्ताओं को उन्नत उपकरण और ज्ञान प्रदान करना है जो सामग्री विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने और नवाचार करने के लिए आवश्यक हैं।
आईआईएससी बैंगलोर के प्रो. प्रवीण कुमार ने एक हाई-थ्रूपुट मैकेनिकल टेस्टिंग तकनीक पेश की, जिसमें डिजिटल छवि सहसंबंध के साथ कैंटिलीवर बेंडिंग परीक्षण को एकीकृत किया गया। 

आईआईटी कानपुर के प्रो. मंजेश के. सिंह ने एक एकीकृत प्रयोगात्मक और मॉडलिंग दृष्टिकोण के माध्यम से नरम पदार्थ के नैनो-यांत्रिकी पर चर्चा की, जबकि आईआईटी बॉम्बे के प्रो. नागमणि जया बालिला ने दिखाया कि कैसे नैनोइंडेन्टेशन का उपयोग विभिन्न सामग्रियों में विरूपण व्यवहार को समझने के लिए किया जा सकता है।