January 13, 2025

कानपुर। बाढ के पानी में बहते हुए एक मगरमच्छ बिठूर के एक गांव की सडक पर आने से गांववासियों के बीच हडकम्पं मच गया। रविवार तड़के एक मगरमच्छ पानी से निकलकर संभरपुर गांव में पहुंच गया। गांव के लोग जब सुबह घर से निकले तो मगरमच्छ को हड़कंप मच गया। चीख-पुकार सुनकर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई। पब्लिक ने किसी तरह से उसे रस्सी से बांधा फिर वन विभाग का सूचना दी। करीब छह घंटे बाद वन विभाग की टीम पहुंची और उसे कब्जे में लेकर चली गई। बिठूर मैनावती मार्ग इस्कॉन टेंपल के पास संभरपुर गांव है। गांव के प्रधान दीपक ने बताया कि रविवार सुबह एक मगरमच्छ मोहल्ले में टहलते देखा। चीख-पुकार सुन सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई। कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए लाठी-डंडे से दबाया और फिर रस्सी से उसे एक घर के बाहर खंभे से बांध दिया, लेकिन उसका मुंह नहीं बांध सके। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी भीड़ को मगरमच्छ के पास से हटाया और वन विभाग को सूचना दी। सुबह 5:30 बजे लोगों ने मगरमच्छ को देखा था। करीब 11:30 बजे वन विभाग की टीम पहुंची और मगरमच्छ को रेस्क्यू करके अपने साथ ले गई। ग्राम प्रधान ने बताया कि गंगा के किनारे ये सभी गांव पड़ते हैं। मौजूदा समय में गंगा अपने उफान पर है। इस वजह से जलीव जीव-जन्तु अक्सर गांव में आ जाते हैं। इस वजह से गांव के लोग परेशान हैं और अलर्ट मोड पर भी रहते हैं। गांव में मगरमच्छ आने या देखे जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कानपुर में गंगा किनारे के गांव में मगरमच्छ अक्सर देखे जाते हैं। इस वजह से बारिश में गंगा किनारे गांव में रहने वालों के लिए मुसीबत आ जाती है। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ का रेस्क्यू करने के बाद दोबारा गंगा में छोड़ने की बात कही है। उनका मानना है कि मगरमच्छ का गंगा ही प्राकृतिक आवास है। इस वजह से कहीं भी मगरमच्छ मिलता है तो उसे रेस्क्यू करके दोबारा गंगा में छोड़ दिया जाता है।

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