July 14, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  काकादेव में बीपीएड छात्रा व सिपाही पुत्री द्वारा साइबर बुलींग से आहत होकर खुदकुशी के मामले में सिपाही पिता कल्याणपुर पुलिस के अभी भी चक्कर काट रहे हैं। वह अभी तक काेई कार्रवाई न होने से दुखी हैं। सिपाही पिता ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को इतने मौके दे दिए कि अब वो हाईकोर्ट में अरेस्टिंग स्टे और एफआईआर क्वैश कराने के लिए पहुंच गए हैं। पुलिस ने 19 दिन बीतने के बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि एक पुलिसकर्मी की सुनवाई नहीं हो रही है तो आम लोगों का क्या होगा।
सोमवार को आरोपियों की तारीख लगी है और पुलिस अभी भी यही आश्वासन दे रही है कि गिरफ्तारी होगी। पुलिस यह भी आश्वासन दे रही है कि हाईकोर्ट में अपनी तरफ से दस्तावेज लगाएगी।
बीती 14 मार्च को काकादेव निवासी बीपीएड छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। छात्रा का पिता सिपाही है। 15 को पोस्टमार्टम के बाद पिता ने बेटी का 16 मार्च को भदोही स्थित पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया था।
पिता का आरोप था कि उनकी बेटी की कुछ फेक वीडियो और फर्जी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी। यही सिगरेट पीते और किस करते हुए फोटो आरोपियो ने छात्रा के पिता को भी भेज दी थी।
पिता ने बताया था कि इन फोटो और वीडियो को लेकर छात्रा से पूछताछ में उसने कहा था कि फोटो को छेड़छाड़  कर फर्जी फोटो और वीडियो बनाकर भेजे गए हैं। इस मामले में कल्याणपुर पुलिस ने 13 मार्च की देर रात एफआईआर भी दर्ज कर ली थी। इस प्रकरण में छात्रा ने दो आरोपियों के नाम तहरीर में लिखे थे। जिसमें एक ऋषभ और दूसरा गोविंद फुटबॉलर था।
सिपाही पिता ने कहा कि इस मामले में कल्याणपुर पुलिस ने कार्रवाई करने में लापरवाही की। उन्होंने शुरू से ही आरोपियों को समय दिया। जबकि इस प्रकरण में सबसे पहले उन्हें गिरफ्तारी करनी चाहिए थी। उसके बाद आगे की कार्रवाई होती रहती। मगर ऐसा नहीं किया गया। जिसका नतीजा यह निकला कि अब आरोपी अरेस्टिंग  स्टे और एफआईआर निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट चले गए हैं।
पिता ने बताया कि सप्ताह भर पहले की ही बात है कल्याणपुर पुलिस से बात हुई तो पुलिस ने कहा था कि आरोपी का घर दिल्ली में है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी जा रही है । उसके अगले दिन ही पुलिस ने फिर जानकारी दी कि आरोपी ऋषभ ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है।
पिता के मुताबिक पुलिस ने उससे यह भी कहा कि वह हाईकोर्ट में अपनी तरफ से दस्तावेज लगाएगी।