November 16, 2025

• डीएम ने नौ माह में 16,439 प्रकरण सुनकर 16,137 का किया निस्तारण।

संवाददाता

कानपुर। जनवरी 2025 में पदभार संभालने के बाद जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने जनता दर्शन को जनसमस्याओं के समाधान का सशक्त माध्यम बना दिया है। प्रतिदिन सैकड़ों फरियादी कार्यालय पहुँच रहे हैं, टोकन प्रणाली, बैठने और जलपान की व्यवस्था जैसी सुविधाओं के बीच जनवरी से अब तक जिलाधिकारी द्वारा 16,439 प्रकरण सुने जा चुके हैं, जिनमें से 16,137 का निस्तारण किया गया है।

यह आँकड़ा दर्शाता है कि महज़ नौ माह की अवधि में जनता दर्शन कार्यक्रम कानपुर नगर में आमजन की समस्याओं के समाधान का सबसे बड़ा मंच बन गया है।

प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचते हैं। जिलाधिकारी प्रत्येक मामले को धैर्यपूर्वक सुनते हैं और तत्समय ही संबंधित अधिकारियों को फोन करके आवश्यक निर्देश देते हैं और शाम तक मामले की फीडबैक भी प्राप्त करते हैं। संवेदनशील प्रकरणों की मॉनिटरिंग वे स्वयं करते हैं, जिससे किसी भी मामले के समाधान में देरी न हो। यही वजह है कि जनता दर्शन अब जिले में विश्वास और राहत का पर्याय बन गया है। आलम ये है कि अन्य जनपदों के फरियादी भी समाधान की आस में आ रहे हैं।

फरियादियों की सहूलियत के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। बैठने की पर्याप्त व्यवस्था, चाय-बिस्कुट की सुविधा और टोकन प्रणाली लागू की गई है। इससे पहले आने वाले फरियादियों को पहले सुना जाता है और अफरा-तफरी की स्थिति से बचाव होता है। फरियादियों की सुविधा के लिए वेटिंग रूम में पर्याप्त कुर्सियां तथा एसी की व्यवस्था भी की गई है। अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में यह व्यवस्था अत्यंत उपयोगी साबित हुई है।

जनता दर्शन के दौरान जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित एडीएम और एसीएम स्तर के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं, किंतु फरियादी इन्हें अपनी समस्या बताने से बचते हैं। अधिकांश फरियादी अपनी व्यथा सीधे जिलाधिकारी को ही सुनाना चाहते हैं। लोग कई बार घंटों तक खुशी-खुशी अपनी बारी आने की प्रतीक्षा करते हैं, क्योंकि उनके मन में यह विश्वास गहराई से बैठा है कि यदि जिलाधिकारी ने उनकी समस्या सुनी तो उसका समाधान अवश्य होगा। 

आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में आईजीआरएस पोर्टल पर संदर्भों की संख्या केवल 6,938 थी। जबकि जनवरी 2025 से अक्तूबर 2025 तक यह संख्या बढ़कर 14,073 तक पहुँच गई। इसके अलावा 2,366 ऑफलाइन संदर्भ भी दर्ज किए गए। इस प्रकार कुल 16,439 प्रकरण सुने जा चुके हैं, जिनमें से 16,137 का निस्तारण किया जा चुका है।

हालाँकि इस तस्वीर का दूसरा पहलू भी सामने आया है। जिलाधिकारी कार्यालय में जहाँ फरियादियों की भीड़ बढ़ रही है, वहीं अन्य जनपद स्तरीय कार्यालयों एवं ब्लॉक स्तरीय कार्यालयों में शिकायतें बेहद कम दर्ज हो रही हैं। कई बार लोग ऐसी समस्याओं को लेकर भी जिला मुख्यालय पहुँच रहे हैं, जिनका समाधान तहसील या ब्लॉक स्तर पर संभव है। इस स्थिति पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और सभी एडीएम को 30 विभागों की जांच करने का निर्देश दिया है।

सीडीओ और एडीएम द्वारा की गई जांच में सामने आया कि जिला विकास अधिकारी और अग्रणी बैंक प्रबंधन को एक जनवरी से 30 सितंबर की अवधि में जनता दर्शन में एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई, जबकि विकास कार्यों एवं बैंकों से जुड़े विभिन्न प्रकरण रोजाना डीएम के समक्ष आ रहे हैं।

विगत नौ माह में सहकारी समितियों को 4 शिकायतें मिलीं जिनमें 2 का निस्तारण हुआ, जबकि जल निगम ग्रामीण को 4 और मत्स्य विभाग को 9 शिकायते प्राप्त हुई। खंड विकास अधिकारी चौबेपुर को 9, चकबंदी कार्यालय को 12, आपूर्ति अधिकारी को 13, उद्यान अधिकारी को 13, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को 17 तथा ग्राम्य विकास अभिकरण को 19 शिकायतें प्राप्त हुईं।

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा को 26-26, जिला कार्यक्रम अधिकारी को 35, प्रोबेशन अधिकारी को 39, खंड विकास अधिकारी कल्याणपुर को 53 तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी को 116 शिकायतें मिलीं और इनका पूर्ण निस्तारण किया गया। सहायक श्रमायुक्त को 124 शिकायतें मिलीं जिनमें 90 का निस्तारण हुआ। जिला विद्यालय निरीक्षक को 153 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 136 का निस्तारण किया गया। आवास विकास परिषद को 160 और बेसिक शिक्षा अधिकारी को 192 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें अधिकांश का निस्तारण हो गया। जिला पंचायत राज अधिकारी को 284 शिकायतें मिलीं और सभी का निस्तारण किया गया।

जिलाधिकारी के मुताबिक जनता दर्शन मुख्यमंत्री की प्राथमिकता का कार्यक्रम है। शासन की मंशानुरूप जनता दर्शन में आने वाला कोई भी फरियादी निराश न लौटे, यह सुनिश्चित करने का प्रयास है। सभी कार्यालयाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश है कि वे प्रतिदिन समय से जनसुनवाई करें और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। जिस स्तर की समस्या है उसी स्तर पर उसका समाधान सुनिश्चित हो। शिकायतों की अनदेखी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही पर कठोर कार्रवाई होगी।