November 18, 2025

संवाददाता 

कानपुर। दीपावली की तैयारियों के बीच बिठूर स्थित तात्या टोपे नगर इन दिनों मिट्टी की सौंधी खुशबू से महक रहा है। पारंपरिक कुम्हारी कला से जुड़े परिवार दीपावली के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। 

मंगलवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने क्षेत्र का दौरा किया और वहां मिट्टी के दीये, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों तथा अन्य सजावटी उत्पादों को बनाते कारीगरों से संवाद किया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि दीप से ही दीपावली है। मिट्टी के दीये केवल प्रकाश नहीं फैलाते, बल्कि हमारी परंपरा और संस्कृति का प्रतीक भी हैं। हमें इनका अधिक से अधिक उपयोग कर न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, बल्कि कारीगरों की आजीविका को भी मजबूती देनी है।

तात्या टोपे नगर में लगभग 35 परिवार पीढ़ियों से कुम्हारी कला में संलग्न हैं। इनमें से 24 परिवारों को उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड द्वारा इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे युवाओं का काम आसान और तेज़ हो गया है। पारंपरिक चाक पर बुजुर्ग कारीगर जहां अपनी विरासत को सहेजे हुए हैं, वहीं इलेक्ट्रिक चाक पर युवा पीढ़ी नए उत्साह के साथ काम कर रही है।

65 वर्षीय कारीगर रामआसरे ने डीएम को बताया कि उनके पिता और दादा भी यही काम करते थे। उन्होंने कहा कि मिट्टी का दीया ही असली दीपावली है। झालरें कुछ दिनों तक चमकती हैं, लेकिन मिट्टी का दीया हर साल नई रोशनी और उम्मीद लेकर आता है।

एनआरएलएम की फील्ड ऑफिसर नेहा प्रजापति ने बताया कि इस बार दीपावली के लिए बड़े पैमाने पर मिट्टी के दीये, लक्ष्मी-गणेश मूर्तियां, सिरवा-गरिया और अन्य सजावटी वस्तुएं तैयार की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इन उत्पादों को उचित मूल्य दिलाना एक चुनौती है, लेकिन लोगों को पारंपरिक वस्तुओं की ओर लौटना होगा ताकि यह कला जीवित रह सके।

इस अवसर पर कुम्हार कलाकार पुष्पा प्रजापति ने डीएम को मिट्टी से बनी गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा भेंट की, जिसे जिलाधिकारी ने पारिश्रमिक के साथ स्वीकार किया और कहा कि इस दीपावली वे इन्हीं प्रतिमाओं की पूजा करेंगे।

जिलाधिकारी ने बताया कि तात्या टोपे नगर के उत्पादों की मांग आईआईटी समेत देश-विदेश तक है। उन्होंने कहा कि जिले को माटीकला के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि मिट्टी के दीयों को अपनाकर न केवल पर्यावरण की रक्षा करें, बल्कि स्थानीय कलाकारों को भी सहयोग दें।