February 7, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  वित्तीय अनियमितताओं के दोषी पाए गए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के पूर्व कुलपति डॉ. डीआर सिंह मंडलायुक्त की रिपोर्ट में दोषी ठहराए गए थे। अब उनके काले कारनामों की परते भी खुलने लगी है।
जांच में सामने आया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कई लोगों को प्लान से नॉन प्लान में शामिल कर उन्हें अतिरिक्त वित्तीय लाभ दिया है। ऐसे कई साक्ष्य विश्वविद्यालय के पास मौजूद है। ऐसे शिक्षकों का न सिर्फ ग्रेड-पे बढ़ाया बल्कि एरियर का लाभ भी दिलाया। इस अनियमितता में विवि के कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में कार्रवाई के लिए विधिक राय ली जा रही है। कब क्या हुआ है इसकी विधिवत जांच होगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस मामले में दोषी मिले पूर्व वित्त नियंत्रक आरएन सिंह और पूर्व निदेशक प्रशासन एवं मानीटरिंग डॉ. करम हुसैन सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके अलावा डैम में कार्यरत कार्यालय अधीक्षक रामजीत पाल को वहां से हटाकर एक एकेडमिक विभाग में क्लर्क बना दिया गया है।
कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बताया कि एक शिकायत पर मंडलायुक्त ने वित्तीय अनियमितताओ की जांच कर शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी है। इसमें विवि के पूर्व कुलपति डॉ. डीआर सिंह के साथ आरएन सिंह, डॉ. करम हुसैन व कार्यालय अधीक्षक रामजीत पाल दोषी मिले थे।
डॉ. डीआर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन ने राजभवन को पत्र लिखा है। वहीं, अन्य अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए कुलपति को पत्र लिखा गया है। जो अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके है, उनसे रिकवरी की जा सकती है।