July 15, 2025

संवाददाता
कानपुर।
अगर आपने कम उम्र में ही टेंशन लेना शुरू कर दिया या फिर हाइपर टेंशन के मरीज बने तो समझ लीजिए की आप किडनी की बीमारी की तरफ बढ़ रहे हैं। कोरोना काल के बाद से देखा जा रहा है कि जितना लोगों में हेल्थ के प्रति जागरूकता बढ़ी है उतनी ही लोगों में बीमारियां भी देखने को मिल रही है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. युवराज गुलाटी ने बताया कि इन दिनों जितने भी मरीज किडनी की समस्या लेकर पहुंच रहे है। उनमें से एक तिहाई मरीज युवा है।
जो बीमारी पहले 50 से 60 वर्ष की आयु में देखने को मिलती थी, अब वो बीमारी 40 साल में ही देखने में आ रही हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है हाइपर टेंशन। ये आपकी किडनी को तेजी से खराब करती हैं।
डॉ. गुलाटी ने बताया कि इसके और पीछे जाकर अगर आप देखते है तो उसका कारण है कि खराब जीवन शैली, जब आपकी जीवन शैली स्वस्थ्य नहीं रहेगी तो आपको हाइपर टेंशन जैसी शिकायत होगा, फिर वो शिकायत धीरे-धीरे बढ़कर किडनी को भी प्रभावित करने लगेगी।
आज कल लोग वेस्टर्न खान-पान को अपना रहे है। खराब खान पान आपके शरीर को कमजोर बना रहा है। ओपीडी में आने वाले मरीजों में करीब 30 प्रतिशत युवा शामिल है। इनकी उम्र 20 से 40 साल के बीच की है।
इनकी हिस्ट्री देखी जाए तो कही न कही इनका खान-पान, इनकी जीवनशैली और फिर हाइपर टेंशन ही सामने आया हैं। 

इसलिए अगर किडनी की बीमारी से बचना है तो फिर सबसे पहले जीवन शैली में सुधार करना होगा।
डॉ. गुलाटी ने कहा कि किडनी की बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, समय से जांच कराना। यदि आप समय-समय पर जांच कराते रहेंगे तो ये बीमारी जल्द ही पकड़ में आ जाएगी और इसका इलाज भी हो जाएगा। मरीज डायलिसिस की स्टेज तक नहीं पहुंच पाएगा।