कानपुर। साल दर साल ग्रीनपार्क की घटती दर्शक क्षमता अब यूपीसीए के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। जहां यूपीसीए यहां पर केवल मैच के आयोजन को लेकर गंभीरता दिखा रहा है तो वहीं प्रशासन ग्रीनपार्क की जर्जर हो चुकी दीर्घाओं पर दर्शकों को बिठाने के लिए गंभीरता से विचार कर रहा है। प्रशासन भारत और बांग्लादेश के बीच आयोजित होने वाले टेस्ट मैच के लिए किसी भी प्रकार का लचर रवैया अपनाना नहीं चाहते है। जर्जर दीर्घाओं वाले स्टेडियम को अंतराष्ट्रीय मैच न मिलने का पीछे सबसे बड़ा कारण दर्शक की क्षमता बताई जा रही है। इसको देखते हुए अब दर्शक क्षमता को बढ़ाने पर अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। इसी हफ्ते हरकोर्ट बटलर टेक्निकल विश्वविद्यालय कानपुर की एक टीम स्टेडियम का निरीक्षण करने के लिए आएगी। ये तकनीकी टीम ही तय करेंगी कि स्टेडियम में कितने दर्शकों की भीड़ बैठ सकती है। वर्तमान में स्टेडियम का क्या स्थिति है। इन सभी बिंदुओं को परखेगी।ग्रीनपार्क स्टेडियम में 27 सितम्बर से भारत-बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच का मुकाबला खेला जाएगा। पहली बार बांग्लादेश की टीम ग्रीनपार्क स्टेडियम में खेलने के लिए आ रही हैं। इसको लेकर तैयारियां जोरो से शुरू हो गई है। एचबीटीयू की तकनीकी टीम एक-दो दिन के अंदर ग्रीनपार्क का निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को सौंपेगी। आगामी मैच में दर्शक संख्या तय होने पर यूपीसीए टिकट छपवाने का काम शुरू कर देगी। अब मैच को लेकर काफी कम समय बचा हुआ है। वहीं, टिकटों की ऑनलाइन बिक्री के लिए बुक माई शो की टीम ने भी स्टेडियम का निरीक्षण कर लिया है।ग्रीनपार्क स्टेडियम को लगभग 3 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का मुकाबला मिला है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग ने जब ग्रीनपार्क का निरीक्षण किया तो उसमें काफी खामियां सामने आई थी। हालांकि यूपीसीए अभी तक यह ही नहीं तय कर पा रहा कि मैच में कितने टिकट छपवाए जाए। इसका प्रमुख कारण ये है कि कई दर्शक दीर्घाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय है।काफी हद तक कई दीर्घाओं में यूपीसीए ने टूट-फूट व मरम्मत का कार्य कराया है, लेकिन इनके बावजूद पीडब्ल्यूडी की फाइनल रिपोर्ट न मिलने के कारण वह टिकट का काम शुरू नहीं कर पा रहा।