May 23, 2025

कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय  कानपुर के रसायन विज्ञान विभाग के छात्र शोभित शुक्ला ने एक बड़ी शैक्षणिक उपलब्धि हासिल करते हुए देश के सर्वश्रेष्ठ विज्ञान संस्थानों में से एक भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में एम.एससी. केमिकल साइंसेज़ में प्रवेश प्राप्त किया है। यह प्रवेश उन्हें आईआईटी जैम 2025 परीक्षा में 258वीं ऑल इंडिया रैंक प्राप्त करने पर मिला है।

भारतीय विज्ञान संस्थान ने उन्हें 9 मई 2025 को अनंतिम प्रवेश पत्र जारी किया है। अब उन्हें 18 मई 2025 तक संस्थान की प्रवेश पोर्टल पर जाकर फीस जमा कर औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। दस्तावेज़ सत्यापन और चिकित्सकीय परीक्षण के बाद प्रवेश को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा। कक्षाएं 1 अगस्त 2025 से प्रारंभ होंगी।

शोभित शुक्ला वर्तमान में एनएएसी ए++ तथा यूजीसी कैटेगरी-I विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के रसायन विज्ञान विभाग के छात्र हैं। विश्वविद्यालय की मजबूत शैक्षणिक आधारशिला, कुशल प्राध्यापकों और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचने में सहायता की।

शोभित की इस सफलता ने केवल उनके माता-पिता और शिक्षकों का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि कड़ी मेहनत, निरंतरता और समर्पण के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। जैम जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में देशभर के लाखों छात्र शामिल होते हैं और उसमें शीर्ष रैंक प्राप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है।

छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने शोभित को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, जो संस्थान की गुणवत्ता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे और भी छात्र देश के शीर्ष संस्थानों में चयनित हों।

भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु विज्ञान और शोध के क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रतिष्ठा प्राप्त संस्थान है, जहाँ से पढ़ाई कर अनेक छात्र-छात्राएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रहे हैं। शोभित को वहाँ पर अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और विविध शोध परियोजनाओं के साथ काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका अकादमिक और शोध कौशल और भी विकसित होगा।

शोभित ने अपनी इस सफलता पर कहा कि वह भविष्य में अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं और भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने अपने शिक्षकों और माता-पिता को इस सफलता का श्रेय दिया। 

यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के लिए एक गौरव का क्षण है, बल्कि उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहते है।