
आ स. संवाददाता
कानपुर । बिल्डर भाइयों ने स्टे होने के बावजूद जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया। इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही। जिस पर पीड़ित ने हाईकोर्ट में कंटेम्प्ट की कार्रवाई को आगे बढ़ा दिया। इस मामले में नाराज कोर्ट ने एक घंटे में जमीन को कब्जामुक्त कराने के आदेश दिए। साथ ही कहा कि ऐसा न होने की दशा में क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी को जेल भेज देंगे।
हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद नवाबगंज पुलिस जेसीबी लेकर पहुंची और कब्जा खाली करा दिया। इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट फिर से सुनवाई करेगी। जमीन खाली कराने की रिपोर्ट वीडियो और फोटो के साथ नवाबगंज पुलिस हाईकोर्ट में दाखिल करेगी। अगर हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो कुछ पुलिस अधिकारियों व पुलिस कर्मियों की दिक्कत बढ़ सकती है।
एडवोकेट अनूप शुक्ला के मुताबिक भोपालपुरवा नवाबगंज निवासी प्रभु के नाम पर करीब 1400 वर्गगज जमीन आजाद नगर एनआरआई सिटी के पीछे है। वर्ष 2002 में राम नारायन निषाद ने उनसे जमीन का बैनामा कराया था। प्रभु के परिजनों ने बैनामे पर आपत्ति करते हुए सिविल कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर दिया। जिसके बाद सन 2006 में बैनामा निरस्त कर दिया गया।
इस आदेश को छिपाकर राम नारायन ने संभलपुर बिठूर के भगवानदीन को जमीन का बैनामा कर दिया। जबकि वास्तविक मालिक प्रभु थे। प्रभु और उनकी पत्नी सन्नो देवी ने मो. नईम अहमद को यह जमीन बेच दी। अधिवक्ता ने बताया कि भगवानदीन से बिल्डर संदीप अग्रवाल ने 2002 के बैनामे के आधार पर बैनामा करा लिया।
सन 2023 में संदीप अग्रवाल की ओर से मो. नईम के दाखिल खारिज को लेकर रेस्टोरेशन डाल दिया गया। इसके बाद मामला राजस्व बोर्ड तक भी पहुंचा। नईम थक हारकर हाईकोर्ट चले गए।
एडवोकेट अनूप शुक्ला ने बताया कि संदीप की ओर से कैविएट दाखिल की गई थी। ऐसे में उन्हें भी अपनी बात कहने का अवसर मिला। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2025 को मौके पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए।
एडवोकेट अनूप शुक्ला के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 30 व 31 मार्च को बिल्डर ने वहां टीन शेड लगाकर बाउंड्री करा ली और ईंट, गिट्टी और मौरंग गिरवा दी। हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पर मो. नईम ने नवाबगंज पुलिस, कर्नलगंज एसीपी, पुलिस कमिश्नर, डीजीपी सभी को पत्र भेजकर शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद दो दिन पहले उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली और कंटेप्ट ऑफ कोर्ट दाखिल कर दिया।
हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अख्तियार किया जिससे पुलिस को जेसीबी लेकर जमीन को खाली कराने जाना पड़ा। नवाबगंज पुलिस ने जमीन खाली कराने के दौरान फोटो खींचे और वीडियो बनाए। कोर्ट ने उन्हें फोटो और वीडियो दाखिल करके रिपोर्ट देने के लिए कहा था। नवाबगंज पुलिस की तरफ से इस मामले में रिपोर्ट के साथ फोटो और वीडियो दाखिल की जाएगी। इसके बाद हाईकोर्ट फिर से मामले में सुनवाई करेगी।