कानपुर। चेक बाउंस के मामले में आरोपी महिला को अदालत के निर्देश पर उसी पुलिस ने गिरफ्तार करने का साहस किया जिसे वह बचाने के लिए हर संभव प्रयास करती आ रही थी। अदालत की सख्ती के बाद चेक बाउंसिंग केस की आरोपी महिला को हनुमंत विहार थानेदार ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जबकि इससे पहले उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आरोपी महिला के घर पर ताला बंद है। अदालत ने थाना प्रभारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस और प्रशासनिक कार्रवाई का आदेश दिया तो पुलिस ने चंद घंटे में ही आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। चेक बाउंस के मामले में दोषी करार दी गई महिला के फरार होने पर अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिस पर हनुमंत विहार थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह ने कोर्ट ने रिपोर्ट दी थी कि महिला के घर पर ताला बंद है। मामले में अधिवक्ता गुरमीत सिंह ने थाना प्रभारी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की अर्जी दी थी। जिसमें आरोप लगाया कि एसएचओ ने थाने में बैठकर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर दी। महिला के घर पर मौजूदगी के साक्ष्य भी दिए थे। अदालत ने थाना प्रभारी को जीडी के साथ हाजिर होने के आदेश दिए थे, लेकिन वह नहीं पहुंचे। जिस पर अदालत ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट की सख्ती के बाद थाना प्रभारी हरकत में आए और आरोपी महिला को गिरफ्तार करके कोर्ट के सामने पेश किया। जहां से महिला को जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने थाना प्रभारी को तलब किया है।थानेदार पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगने के बाद डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने पूरे मामले को लेकर जांच बैठा दी है। उन्होंने कहा कि अगर हनुमंत विहार थाना प्रभारी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ दंडात्मक और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।