November 16, 2025

संवाददाता

कानपुर। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में तैनात एक सिस्टर ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर बताया कि यहां पर काफी अनियमितता हैं। इसको लेकर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया और उसे अस्पताल का निरीक्षण करने को कहा।
इसको लेकर टीम सोमवार को अस्पताल पहुंची और लोगों से बातचीत करके पूरे अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने मरीजों और जूनियर डॉक्टरों से भी बातचीत की।
हाईकोर्ट के आदेश पर बनाई गई टीम में राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन के प्रिसिंपल डॉ. अरविंद त्रिवेदी के नेतृत्व में उनके साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज के प्रिंसिपल डॉ. पीसी पाल, डीजीएमई कार्यालय लखनऊ से अपर निदेशक डॉ. आलोक कुमार ने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया।
सिस्टर की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को उन्होंने बारीकियों से निरीक्षण ही नहीं किया बल्कि बाल रोग विभाग में भर्ती मरीजों से वहां के हालातों के बारे में भी पूछा। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग वार्डों, सिस्टर रूम, दवा भंडार रूम, ड्यूटी रजिस्टर समेत कई चीजों को देखा। वहां की फोटो ग्राफी भी की गई।
बताया जा रहा है कि बाल रोग विभाग में तैनात सिस्टर रिंकू सिंह का 6 माह पूर्व बांदा तबादला कर दिया गया था। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में जाकर बाल रोग विभाग की खामियों को उजागर किया। इस पर कोर्ट ने सभी आरोपों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया था।
पीआईएल में कहा गया था कि यहां पर मरीजों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली सभी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। इसके अलावा डॉक्टरों की ड्यूटी भी पैसे लेकर लगाई जाती हैं। वहीं, दवाएं भी बाहर से मंगाई जाती हैं।
टीम ने सबसे पहले बाल रोग विभाग का ही निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने मरीजों के परिजनों से बातचीत की। टीम ने पूछा कि यहां पर दवाएं कौन देता है, कहां मिलती है दवाएं, कोई डॉक्टर परेशान तो नहीं करता है? हालांकि तिमारदारों ने संतोष जनक उत्तर दिया।
इसके अलावा टीम ने जूनियर डॉक्टरों से भी कई सवाल पूछे। फिर टीम ने सिस्टर रूम, डॉक्टर रूम, दवा भंडारण कक्ष, बाल रोग ओपीडी में जाकर निरीक्षण किया।
डॉक्टरों की टीम के साथ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला, एसआईसी डॉ. आरके सिंह, ईएमओ डॉ. विनय कटियार, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी सिंह, डॉ. शैलेंद्र गौतम, डॉ. अमितेश यादव समेत कई स्टाफ मौजूद रहा।