आ स.संवाददाता
कानपुर। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती है, वैसे-वैसे खतरे भी बढ़ते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम साइबर सुरक्षा में अत्याधुनिक नवाचारों को अपनाकर प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहें। यह बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में चार दिवसीय साइबर सुरक्षा में प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र के कॉन्फ्रेंस ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन साइबर सिक्योरिटी’ के उदघाटन के मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एम यू नायर ने कही।
उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि सी3आईएचयूबी राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के दौरान इस सम्मेलन को आयोजित करने की पहल की है। इस तरह के आयोजन साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारे साइबर सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। मुझे विश्वास है कि इस तरह के प्रयास यह सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे कि हम विकसित प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बनाए रखें और डिजिटल युग की चुनौतियों का समाधान करें।
इस मौके पर सी3आईएचयूबी के परियोजना निदेशक प्रो. संदीप शुक्ला ने आशा व्यक्त करते हुए कहा के जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती है, वैसे-वैसे खतरे भी बढ़ते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम साइबर सुरक्षा में अत्याधुनिक नवाचारों को अपनाकर प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहें। यह सम्मेलन विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करता है जो हमें उस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।”
आई आई टी कानपुर की मीडिया प्रभारी रुचा खेडेकर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि संस्थान ने साइबर सुरक्षा में प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र ने अपना बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम कॉन्फ्रेंस ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन साइबर सिक्योरिटी लॉन्च किया है, जो 22 से 25 अक्टूबर तक आईआईटी कानपुर में आयोजित किया जाएगा। । यह कार्यक्रम साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में एक महत्वपूर्ण पहल है।
उद्घाटन सम्मेलन में भारत के साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एम यू नायर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, साथ ही पूर्व राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक और सीईआरटी—आईएन के पूर्व महानिदेशक डॉ. गुलशन राय और भारत के पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।