January 13, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
बर्राजपुर रेलवे स्टेशन के पास एक बार फिर रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर मिला है। मौके से ही जीआरपी को एक धमकी भरा लेटर भी मिला है । रेलवे पुलिस ने इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी थी । इसके बाद जीआरपी थाना फर्रुखाबाद में एफआईआर दर्ज कराई गई है ।
ट्रेन पलटाने की साजिश की आशंका के चलते इस मामले की जांच के लिए एटीएस समेत अन्य जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। एटीएस की एक टीम गुरुवार को जांच पड़ताल करने पहुंची। इस रेलवे ट्रैक पर 31 दिसंबर को गैस सिंलेडर मिला था। एटीएस के एक्सपर्ट सर्विलांस की मदद से रेलवे ट्रैक किनारे लैपटॉप लेकर घंटों जांच-पड़ताल में जुटे हुए हैं।
इससे पहले भी चार महीने पहले इसी रेलवे ट्रैक पर भरा हुआ गैस सिलेंडर और पेट्रोल बम रखकर कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को उड़ाने की साजिश की गई थी। जांच एजेंसियों ने पुरानी कड़ियों को जोड़कर दोबारा जांच शुरू की है। टीम आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। टीम ने आसपास के लोगों से बात कर उनके बयान दर्ज किए हैं।
इस घटना की रेलवे स्टेशन बिल्हौर में तैनात एसएसआई रमेश चंद्र की ओर से जीआरपी थाना फर्रुखाबाद में एफआईआर दर्ज कराई गई है। 

एसएसआई रमेश चंद्र ने बताया कि 31 दिसंबर को शीतकालीन पेट्रोलिंग बीट नंबर 9 किमी 34/0 में मो. इफ्तखार अहमद अंसारी और प्राइवेट कम्पेनियन मोहित कुमार शिवराजपुर के बर्राजपुर रेलवे स्टेशन के पास फुट पेट्रोलिंग कर रहे थे। रात 9:10 बजे पेट्रोलिंग करते समय बर्राजपुर यार्ड किमी 35/7-8 लाइन सं. 2 के मध्य एक घरेलू उपयोग का 5 ली का खाली एलपीजी गैस सिलेंडर थैले में रखा मिला। जिसकी सूचना पेट्रोलमैन ने स्टेशन मास्टर, मुझे व गैंग मेट को दी।
इसके बाद गैंग मेट और की-मैन मौके पर पहुंचे। आदेश मिलने पर थैले में रखे गैस सिलेंडर को लाइन से हटा दिया गया और बर्राजपुर स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद  रेलवे लाइन का औचक निरीक्षण किया गया। इसके बाद रेलवे लाइन के फिट होने का मेमो दिया गया।
इससे पहले 8 सितंबर की रात कानपुर में अनवरगंज- कासगंज रूट पर कालिंदी एक्सप्रेस से सिलेंडर टकराया था। एटीएस की जांच में ट्रैक पर सिर्फ सिलेंडर, पेट्रोल बम ही नहीं मिला था, बर्राजपुर स्टेशन की तरफ करीब 20 मीटर तक ट्रैक पर पेट्रोल छिड़कने के निशान भी मिले थे ।ट्रैक के बीच में सिलेंडर रखा गया था। ट्रैक से सटाकर रखी कांच की बोतल में पेट्रोल था जिसमें एक बत्ती लगी हुई थी। एक झोले में ट्रैक के किनारे बारूद भी रखा गया था।
साजिश यह थी कि बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही कालिंदी एक्सप्रेस जब सिलेंडर से टकराएगी तो धमाका होगा। गैस रिसाव के साथ इंजन आग की चपेट में आएगा। टक्कर के बाद ट्रेन को पूरी तरह से रुकने में टाइम लगेगा, तब तक आग डिब्बों तक फैल जाएगी। हादसे को बड़ा बनाने के लिए पटरी के बगल में बारूद भी रखा गया था
प्राथमिक जाँच के बाद अधिकारियों का कहना था कि इस साजिश में 4-5 लोग शामिल हो सकते हैं। इसके लिए कानपुर के अलावा कन्नौज, उन्नाव, औरैया, हरदोई में पुलिस टीम के अलावा मुखबिरो का नेटवर्क एक्टिव किया गया था। संदिग्ध लोगों को डिटेन करने का निर्देश दिया गया था।
कानपुर में 17 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। ट्रेन के 22 डिब्बे डिरेल हुए थे। ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी। केवल कुछ यात्रियों को चोट लगी थी । यह हादसा देर रात कानपुर शहर से 11 किमी दूर भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के बीच हुआ था।
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 11 किलोमीटर दूर यह हादसा हुआ था। हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड 70 से 80 किमी प्रतिघंटा के बीच थी। एक पहिया पटरी से उतरते ही प्रेशर कम हुआ। ड्राइवर ने वक्त रहते इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए थे, जिस वजह से बड़ा हादसा होने से बच गया। 

इस घटना पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ट्रेन का इंजन पटरी पर रखी किसी भारी चीज से टकराया था। इंजन पर टकराने के निशान थे।