June 20, 2025

संवाददाता

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभागाध्यक्ष डा. विजय कुमार यादव के अनुसार आज डा. संजीव गुप्ता, सहायक महानिदेशक, तिलहन, दलहन एवं बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने पादप प्रजनन एवं आनुवांशिकी विभाग में एक शोध छात्रा की ओरल काम्प्रेसिव परीक्षा लेने के बाद विश्वविद्यालय के समस्त परास्नातक एवं शोध छात्रों के साथ कृषि संकाय के संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्षो, अधिष्ठाताओं के साथ परिचर्चा में कृषि क्षेत्र में की जा रही विभिन्न प्रकार की नवोन्मेशी योजनाओं के साथ कृषि के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे उत्पादन एवं उनके लिए किये गये अनुसंधान कार्यों के बारे में संवाद किया। 

डा. संजीव गुप्ता देश के जाने माने दलहन वैज्ञानिक हैं, उन्होंने कृषि क्षेत्र में डिजिटलाईजेशन, एआई, ऊर्जा के नए स्त्रोत, जीन एडिटिंग आदि क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों पर विस्तृत चर्चा की। हाल ही में जिनोम एडिटिग द्वारा धान की 2 प्रजातियों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विकसित किया है। इस तकनीकी द्वारा धान की प्रजाति विकसित करने वाला भारत प्रथम देश बन गया है। जिनोम एडिटिंग से धान की डीआरआर 100 कमला सांवा महसूरी प्रजाति के जिनोम में परिवर्तन कर विकसित की गयी है। यह प्रजाति भारतीय चावल अनुसंधान हैदराबाद में कार्यरत इस विश्वविद्यालय के एल्यूमिनाई डा. सतेन्द्र ने विकसित की है। यह  विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। शोध छात्रो एवं संकाय सदस्यो को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। इस प्रजाति के अपनी मूल प्रजाति सावा महसूरी से 19 प्रतिशत अधिक उत्पादन एवं 15 दिन कम में पककर तैयार हो जाने के कारण इससे गेहूँ-धान फसल चक्र की उत्पादकता बढ़ने की सम्भावना अच्छी है।

वर्तमान में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने की दिशा मे ब्राजील की वैज्ञानिक डा. मेरियागेला होंगिरिया ने बीजो के बायोलॉजिकल सीड्स ट्रीटमेन्ट पर विशेष संवाद करते हुए बताया कि इस वर्ष इनके कार्यों के लिए इन्हे वर्ड फूड प्राइज दिया गया। इन्होने ब्राजील में 40 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बायोलॉजिकल बीजोउपचार करके लगभग 40 मिलियन डॉलर कृषि रसायनो पर होने वाले खर्च की बचत करके मृदा स्वास्थ, पर्यावरण अनुकूल उत्पादन की दशा में अति प्रसंशनीय कार्य किया है। 

इस कार्यक्रम का शुभारम्भ आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभागाध्यक्ष डा.विजय कुमार यादव ने मुख्य अतिथि डा. संजीव गुप्ता का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं शाल पहनाकर किया । कार्यक्रम संचालन डा. श्वेता द्वारा तथा धन्यवाद डा. सी एल मोर्य, अधिष्ठाता कृषि द्वारा किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डा. सर्वेन्द्र कुमार, डा. महक सिंह, डा. मुकेश श्रीवास्तव, डा. कौशल कुमार, डा. सर्वेश कुमार, डा. मो.सिद्दीकी एवं विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यो के साथ 180 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।