June 20, 2025

संवाददाता
कानपुर।
गोरखपुर के जू में दो कौवे मरे हुए मिले थे। इससे पहले 13 मई को बाघिन शक्ति की मौत हो गई थी। जिसकी रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी।इसके बाद गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर जू और इटावा लायन सफारी को 20 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है।
चिड़ियाघर प्रशासन ने दोनों कौओं समेत बाघ, शेर, भालू, तीन तेंदुए और 5 पक्षियों का भी सैंपल लिया था। कुल 13 सैंपल जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेज दिए गए हैं।
वहीं, कानपुर चिड़ियाघर में बब्बर शेर पटौदी की मौत हो गई। उसके लिवर में गंभीर बीमारी थी। इसलिए उसे गोरखपुर से इलाज के लिए लाया गया था। गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।
जबकि, सीएम योगी ने बर्ड फ्लू को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की थी। उन्होंने अफसरों से कहा था- किसी भी हाल में संक्रमण पर तुरंत नियंत्रण किया जाए। वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
गोरखपुर चिड़ियाघर सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसके निर्माण से लेकर संचालन तक की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर उनकी नजर रहती है। चिड़ियाघर के कई वन्यजीवों के नामकरण भी मुख्यमंत्री ने खुद किए थे। एक महीने के भीतर गोरखपुर चिड़ियाघर में एक बाघ, एक बाघिन, एक तेंदुआ और एक भेड़िए की मौत हो चुकी है।
गोरखपुर जू के निदेशक विकास यादव ने बताया कि पशु चिकित्सकों और वन विभाग के अधिकारियों ने बाघिन शक्ति की मौत के बाद तुरंत जांच शुरू कर दी थी। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान की रिपोर्ट में एच5 एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद जू को 20 मई तक दर्शकों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यह वायरस पक्षियों से अन्य जानवरों और मनुष्यों में भी फैल सकता है। इसलिए इस पर नियंत्रण पाना बेहद जरूरी है। सभी कर्मचारियों को जैव सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल बर्ड फ्लू के महामारी बनने की आशंका बहुत कम है। हालांकि, अगर भविष्य में इन्फ्लुएंजा वायरस में ऐसा कोई म्यूटेशन होता है, जो इंसानों से इंसानों में फैलने लगे, तो यह महामारी का रूप ले सकता है।
इन्फ्लुएंजा वायरस से बचाव के लिए जानवरों और पक्षियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बर्ड फ्लू अभी इस स्तर पर नहीं फैला है कि इंसानों के लिए वैक्सीन बनाने की जरूरत पड़े।
चिड़ियाघर में लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत के बाद भी चिड़ियाघर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा था। लेकिन, बाघिन की मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि के बाद जब चिड़ियाघर प्रशासन ने कर्मचारियों से पूछताछ की तो पता चला कि परिसर में पहले चार मृत कौवे मिले थे, जिसे सफाईकर्मियों ने बिना बताए फेंक दिया था।
डा. योगेश प्रताप ने बताया कि एसफोर इंफोकॉम के मालिक गोपाल राय को चिड़ियाघर में मटन, चिकन से लेकर फल और सब्जी पहुंचाने का टेंडर मिला है। ठेकेदार किस दुकान से सामान लाते है, इसकी सूची मांगी गई थी।
लेकिन, उन्होंने अभी तक उपलब्ध नहीं कराया है। सूची मिलने के बाद उन दुकानों पर बिकने वाले मटन, चिकन और गोश्त की जांच होगी। साथ में दुकानों का भी साइनेटाइजेशन कराया जाएगा।