आ स. संवाददाता
कानपुर। सीएसए के आधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा फसल अवशेष परियोजना के अंतर्गत स्कूल विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम बुद्ध लाल वर्मा इंटर कॉलेज भिवान कानपुर देहात में आयोजित किया गया। जिसमें सौ से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
इस कार्यक्रम में मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया कि प्रायः किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है, साथ ही साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। उन्होंने ने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों, फलों एवं अन्य फसलों में स्वाद व गुणवत्ता की कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है।
इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने बताया कि पशुओं के गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन, चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य सुभाष चंद्र ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने उपस्थित छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को इस फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें।
इस अवसर पर गौरव शुक्ला, शुभम यादव सहित विद्यालय के शिक्षक उपेंद्र सिंह पाल, बृजेश कुमार, राम जी एवं लवली देवी सहित अन्य विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।