
आ स. संवाददाता
कानपुर। स्वरूप नगर थाने की पुलिस ने चर्चित ज्योति मर्डर केस के आरोपी अवधेश कुमार चतुर्वेदी को अरेस्ट कर लिया है। आरोपी अवधेश ज्योति के मर्डर की सुपारी देने वाले पीयूष का ड्राइवर था। अवधेश के जरिए ही पीयूष ने अपनी पत्नी ज्योति के जघन्य हत्या कांड को अंजाम दिया था। अवधेश जमानत पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था। न्यायालय से सजा होने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुआ और हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था। वारंट के बाद पुलिस ने गुरुवार को उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
स्वरूप नगर थाना प्रभारी सूर्य बलि पांडेय ने बताया कि ज्योति मर्डर केस का आरोपी अवधेश कुमार चतुर्वेदी फरार चल रहा था। हत्याकांड के मुख्य आरोपी पीयूष दासानी का अवधेश कुमार चतुर्वेदी ड्राइवर था। पीयूष ने पत्नी की हत्या के लिए अवधेश को ही सुपारी दी थी। इसके बाद अवधेश ने अन्य नौकरों को रुपए देकर मर्डर करवाया था। मर्डर केस के बाद पुलिस ने अवधेश को अरेस्ट करके जेल भेजा था, लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद अवधेश पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। सजा होने के बाद से पुलिस अवधेश की तलाश में लगी थी, उधर हाईकोर्ट ने भी अवधेश के खिलाफ अरेस्टिंग वारंट जारी कर दिया था। तब से अवधेश की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी थीं। पुलिस ने गुरुवार को अवधेश को अरेस्ट कर लिया। अब उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
हत्यारोपी पति पीयूष का ड्राइवर ही ज्योति की गाड़ी भी चलाता था। इसके चलते शातिर पीयूष ने ज्योति के मर्डर केस की सुपारी ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी को ही दी थी। हत्यारों को 80 हजार नकद और ज्योति की पूरी ज्वैलरी पर उसकी मौत का सौदा तय किया था। अक्तूबर 2022 को मर्डर केस के 8 साल पुराने चर्चित ज्योति हत्याकांड में अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी की अदालत ने 6 लोगों को दोषी करार दिया था। मामले में ज्योति के पति पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा के अलावा अवधेश चतुर्वेदी व हत्या में शामिल रहे आशीष, सोनू और रेनू को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने मास्टर माइंड पीयूष समेत अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पांडुनगर निवासी बिस्कुट व्यापारी ओमप्रकाश श्यामदासानी की बहू ज्योति श्यामदासानी की 27 जुलाई 2014 को संदिग्ध हालात में हत्या की गई थी। ज्योति के पति पीयूष ने स्वरूप नगर थाने जाकर ज्योति के अपहरण की कहानी सुनाई थी। लगभग 2 घंटे बाद पनकी में ज्योति का खून से लथपथ शव मिला था।
ज्योति की हत्या 27 जुलाई 2014 को हुई थी। पुलिस को पहले पति ने ज्योति के अपहरण और लूट के लिए हत्या की बात बताई थी। हालांकि, पुलिस ने जांच शुरू की तो मामला पलट गया। जब पति पीयूष को गिरफ्तार किया गया तो हाईप्रोफाइल केस खुल गया। पुलिस की पूछताछ में पति ने स्वीकार किया था कि उसने ज्योति की हत्या के लिए चार लोगों को सुपारी दी थी। उसने हत्यारो से कहा था कि तब तक चाकू मारते रहना जब तक सांस न उखड़ जाए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर 17 बार चाकू से घाव की पुष्टि हुई थी। 4 पेट में, 4 गर्दन पर, 2 सिर के पिछले हिस्से, 4 पैर और 2 पीछे हिप में चाकू के घाव मिले थे।