
आ स. संवाददाता
कानपुर। फर्टिलाइजर फैक्ट्री के बाहर अब सन्नाटा पसरा हुआ है। लेकिन फैक्ट्री में रसायनिक खाद उत्पादन फिर से शुरू किए जाने की मांग को लेकर चौतरफा दबाव शुरू हो गया है। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जिला सचिव असित सिंह ने बताया कि केएफसीएल की अघोषित बंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल से ज्ञापन भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर को भी ज्ञापन की एक कॉपी भेजी गयी है। एटक की राष्ट्रीय महासचिव केंद्र सरकार से कारखाना बंद होने से बचाने का प्रयास करेंगी। ज्ञापन में कहा गया है कि गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड से गैस आपूर्ति बंद होने से चांद छाप यूरिया खाद का उत्पादन ठप हो गया है। केएफसीएल में हर महीने 67 हजार मीट्रिक टन रसायनिक खाद उत्पादन होता था, जिसमें स्थायी और ठेका श्रमिक मिलाकर 1500 श्रमिक फैक्ट्री में काम पर लगे हुए हैं।
कारखाने में उत्पादन प्रक्रिया दोबारा शुरू कराने की संभावना को लेकर केंद्रीय स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है। उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की संबंधित मंत्रालय की सचिव ने इस बाबत केएफसीएल के एक वरिष्ठ निदेशक से बातचीत की और पूरी जानकारी ली है।
यह भी चर्चा हुई कि खाद पर सब्सिडी रिलीज होने की सूरत में अब गेल को भुगतान सीधे उनके खाते में भेजा जाएगा। यह भी पता चला है कि केएफसीएल, गेल और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय के बीच एमओयू का ड्राफ्ट तैयार किया जाने की चर्चा है।
कंपनी से अप्रत्यक्ष रूप से रेलवे, विद्युत, जलकल विभागों को लाभ प्राप्त होने के साथ ही देश के किसानों को भी सस्ते दर पर खाद उपलब्ध कराई जाती है।
भारत सरकार द्वारा किसानों को सस्ते दर पर खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केएफसीएल को सब्सिडी दी जा रही थी।यह भी कहा गया है कि कंपनी को समय से अनुदान न मिलने से गेल ने 17 दिसम्बर 2024 से गैस की आपूर्ति बंद कर दी। नतीजतन उत्पादन ठप होने से श्रमिक बेरोजगार हो गए। अब तो तालाबंदी की नौबत आ गयी है। सेवायोजकों ने कारखाना चलाने में अपनी असमर्थता जता दी है।
उत्तर प्रदेश और भारत सरकार द्वारा जहां एक ओर सूबे में रोजगार की उपलब्धता बढ़ाने की घोषणा कर रही है वहीं दूसरी ओर इनकी श्रम और उद्योग विरोधी नीतियो के कारण श्रमिक बेरोजगार हो रहे हैं। ज्ञापन में हस्तक्षेप कर खाद उत्पादन शुरू कराने की मांग की गयी है।
फैक्ट्री चलवाने की मुहिम में सीटू और भारतीय मजदूर संघ भी सक्रिय हो गयी है। सीटू के कार्यालय सचिव रामप्रकाश राय ने बताया कि श्रमायुक्त को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महासचिव अनिल उपाध्याय ने बताया कि केएफसीएल में उनकी यूनियन नहीं है, फिर भी कारखाने को बचाने के लिए वह श्रमायुक्त और उनके अधीनस्थ अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।