
आ स. संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर के परिसर में धोबियों के लिये वर्षों पहले एलॉट किये गये स्टोर व अन्य क्वार्टर तोड़े जाएंगे। एचबीटीआई की जांच में भवनों को कंडम घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद अब यहां रहने वाले 35 परिवारों को आईआईटी प्रशासन ने बेदखली का नोटिस जारी कर दिया है।
होली के पहले ही परिवारों को हटने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि भवनों को तोड़ा जा सके। इसके विरोध में क्षेत्रीय पार्षद के साथ पीड़ित परिवार महापौर से मिलने नगर निगम पहुंचे, लेकिन मुलाकात न होने पर मायूस होकर चले गये। लोगों के मुताबिक वह और उनका परिवार 40 वर्षों से अधिक समय से यहां रह रहे हैं अगर घर खाली कराया गया तो वह सड़क पर आ जाएंगे।
आईआईटी परिसर में रहने वाले ओम प्रकाश, राज किशोर, रानी, रज्जन लाल ने कहा कि पूर्व में आईआईटी प्रशासन ने हमें यहां एलॉटमेंट किया था। पहले शुरूआत में 16 परिवार रहते थे और सारी सुविधाएं आईआईटी प्रशासन देता था।
वर्ष-1989 में आवास का नियमितीकरण कर सभी परिवारों से प्रति महीना भवन किराया, पानी और बिजली का किराया फिक्स कर दिया गया। तब से हम लोग किराया दे रहे हैं।
अब आईआईटी प्रशासन कह रहा है कि हम लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। जो कि गलत है।
ऐसे में प्रशासन कह रहा है कि हर हालत में आवास खाली कर दें। उन्होंने कहा कि हम लोगों को रहने के लिये कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जबकि हम लोग आईआईटी प्रशासन से जुड़े लोगों, बच्चों के ही कपड़े धोते हैं।
आईआईटी के संपदा अधिकारी के अनुसार इन लोगो का अनाधिकृत रूप से कब्जा है। 10 आवास और धोबी घाट के 6 स्टोर्स पहले से ही आईआईटी परिसर में हैं।
एचबीटीआई की जांच में भवनों की ऑडिट और निरीक्षण में पाया गया कि इमारतों की स्थिति खराब है और रहने के लिये असुरक्षित हैं। यह इमारतें भूकंपरोधी भी नहीं है। इसलिये इन्हे खाली करना जरूरी है।