
संवाददाता।
कानपुर। नगर में यमुना एक्सप्रेसवे की तरह कानपुर से गुजर रहे नेशनल हाईवे के किनारे केडीए यात्रियों के लिए रेस्ट एंड रिफ्रेश सेंटर बनवाने जा रहा है। खास बात ये है कि ये जिस जमीन पर बनेंगे वे अवैध कब्जों से खाली कराई गई जमीनों पर बनाए जाएंगे। कानपुर में इस तरह के ये पहले सेंटर होंगे। इसमें ब्रांडेड कंपनियों के कॉफी, टी-सेंटर, खानपान, बच्चों के खेलने-कूदने, खरीदारी, शौचालय की व्यवस्था के साथ ही ठहरने के लिए कमरों की भी सुविधा मिलेगी। इनका निर्माण केडीए कराएगा। केडीए वीसी व डीएम विशाख जी ने बताया कि इसे जल्द से जल्द बनवाने के निर्देश दिए गए हैं। विशाख जी ने लखनऊ-कानपुर-झांसी, दिल्ली राजमार्ग पर शहर के प्रवेश मार्गों के समीप यात्रियों की सुविधाओं के लिए अनोखी पहल करते हुए रेस्ट एंड रिफ्रेश प्वाइंट बनाने के निर्देश दिए हैं। पनकी में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और कालपी रोड के बीच प्राधिकरण के स्वामित्व वाली 2920 वर्गमीटर जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर ढाबे, दुकान, धर्मकांटा का संचालन किया जा रहा था। विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दस्ते ने पिछले साल नवंबर में इसे तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया। वीसी ने इसी जमीन पर यात्रियों की सुविधा के लिए रेस्ट एंड रिफ्रेश पाइंट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह दो मंजिला बनेगा लखनऊ-कानपुर-दिल्ली-झांसी आने-जाने वाले इस राष्ट्रीय राजमार्ग से रोज एक लाख से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है। इसी राजमार्ग के किनारे बनने वाले इस रेस्ट एंड रिफ्रेश प्वाइंट में एक ही छत के नीचे यात्रियों को विभिन्न तरह की सुविधाएं मिलेंगी। वीसी ने इसे जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए। सुपर मार्केट, खाने-पीने, बच्चों के खेलने के लिए झूलों सहित प्लेइंग ग्राउंड, किड्स प्ले-रूम, विभिन्न ब्रांड के काफी शॉप, फूड कोर्ट, स्लीपिंग पाड्स, गेमिंग लॉज, गेस्ट रूम, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, सुपर मार्केट, इलेक्ट्रानिक स्टोर, वेटिंग एरिया आदि। नगर और आसपास के जिलों में फिलहाल रेस्ट एंड रिफ्रेश सेंटर की तरह का कोई स्थान नहीं है। यह पहला सेंटर बनेगा। इसमें खानपान ही नहीं बल्कि ठहरने और बर्थडे, शादी की सालगिरह आदि पार्टियां करने की भी सुविधा मिलेगी। केडीए के चीफ इंजीनियर आशु मित्तल के मुताबिक रेस्ट एंड रिफ्रेश सेंटर दो मंजिला (ग्राउंड प्लस वन) बनेगा। निर्माण में करीब चार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। टेंडर होने के बाद निर्माण में छह से आठ महीने लगेंगे।