संवाददाता।
कानपुर। नगर में से एसटीएफ लखनऊ की टीम ने दो अंतरराज्यीय चरस तस्करों को अरेस्ट किया है। दोनों के पास से 10 किलो चरस बरामद हुई है। दोनों तस्कर नेपाल से बिहार के मोतीहारी के रास्ते चरस की तस्करी कर रहे थे। तस्करों के संबंध में इनपुट मिलने पर एसटीएफ ने जाल बिछाया और मंगलवार को पनकी नहर पुल से दोनों को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में तस्करों से कई अहम जानकारियाँ मिली है। एसटीएफ की टीम ने जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा करने का दावा किया है। लखनऊ एसटीएफ की टीम ने नेपाल से चरस तस्करी का इनपुट मिलने के बाद कानपुर में जाल बिछाया। दरोगा राहुल परमार के नेतृत्व में दरोगा विनोद कुमार और हेड कांस्टेबल धीरेन्द्र सिंह की टीम को सटीक जानकारी मिली कि गिरोह के 2 सदस्य नेपाल राष्ट्र से मोतिहारी बिहार के रास्ते अवैध चरस की खेप कानपुर लाने वाले है, जिसकी सप्लाई कानपुर देहात में होनी है। इस सूचना पर एसटीएफ कानपुर टीम द्वारा पनकी नहर पुल थाना क्षेत्र अर्मापुर कमिश्नरेट कानपुर के पास से 02 तस्करों को अरेस्ट कर लिया गया, जिनके पास से 10 किलो चरस बरामद हुई है।पूछताछ में दोनों ने अपना नाम बहुअरवा भट्टा, थाना पोखरिया, जिला बीरगंज नेपाल निवासी नंदकिशोर सासूनार और दूसरे ने अपना नाम गोरा कबरिस्तान बेकनगंज नाजिर बाग निवासी मो. आदिल बताया। जांच के दौरान सामने आया कि आदिल कानुपर हिंसा का आरोपी था। गिरफ्तार अभियुक्त मो. आदिल ने पूछताछ में बताया कि जून-2022 मे कानपुर में हुए दंगो में जिला कारागार कानपुर में निरूद्ध था। यहां पर उसकी मुलाकात रोशन पटेल उर्फ लाडले बिहारी से हुई थी, जिसको एसटीएफ कानपुर टीम द्वारा दिनांक 25-04-2022 को 85 किलो चरस व एक पिकप गाडी के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रोशन ने नेपाल के चरस तस्करी के बारे में इसे बताया था। नवंबर 2023 में आदिल उपरोक्त जेल से रिहा होकर बाहर आया तब रोशन ने आदिल को नेपाल के चरस तस्करों से संपर्क कराया। इसके बाद आदिल नेपाल के चरस तस्करो से व्हाट्सअप के जरिये सम्पर्क करके आनलाईन पेमेंट करता और अपने कैरियर के माध्यम से चरस मंगाता था। इसके बाद कानपुर व आस पास के क्षेत्रों में सप्लाई करता था। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।