June 20, 2025

संवाददाता

कानपुर देहात। की यमुना नदी में मत्स्य आखेट की अवधि 31 मई 2025 को समाप्त होने के बाद भी अवैध शिकार जारी है। सिकंदरा तहसील क्षेत्र के महेशपुर सिंगरौली, बिलासपुर बैंजामऊ, गौरी रतन बांगर, बेहमई, पिचौरा और अमराहट गांवों में यह गतिविधि दिन-रात चल रही है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पट्टा माफिया प्रशासन से मिलीभगत कर यह काम कर रहे हैं। प्रतिदिन पकड़ी गई मछलियों को रात में ही ट्रकों से कानपुर और लखनऊ के बाजारों में भेजा जा रहा है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और नदी की पारिस्थितिकी भी प्रभावित हो रही है।
थाना अमराहट और तहसील सिकंदरा के अधिकारी इस मामले से अवगत हैं। 

एसडीएम शालिनी उत्तम ने स्वीकार किया है कि उन्हें अवैध आखेट की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि टीम भेजकर जांच की जाएगी।
जिला मत्स्य अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि 31 मई के बाद आखेट पूर्णतः प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के कारण जब तक टीम मौके पर पहुंचती है, तब तक माफिया भाग जाते हैं। उनके अनुसार पुलिस को अवैध शिकार रोकने का अधिकार है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो मछली माफिया यमुना की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।