संवाददाता।
कानपुर। नगर में नई दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से गोरखपुर जंक्शन जा रही हमसफर एक्सप्रेस के बी-11 कोच की छत पर एक युवक लेटे हुए कानपुर सेंट्रल पहुंच गया। करीब 100 किमी. की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन जिसमे ग्यारह हजार वोल्ट का दौड़ता हुआ करंट जो कि किसी भी इंसान को कुछ फुट की दूरी से ही अपनी ओर खींचने में सक्षम होता है। लेकिन युवक की किस्मत, जो सैकड़ो किलोमीटर का सफर तय करते हुए जीवित अवस्था मे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुँचा। तब रेलवे प्रशासन को मामले की जानकारी हुई। इसके बाद ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) बंद कर उसे नीचे उतारा गया। इसके चलते करीब 20 मिनट ट्रेनों का परिचालन ठप रहा और 50 मिनट तक सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन खड़ी रही। युवक को अरेस्ट कर आरपीएफ ने जेल भेज दिया। आरपीएफ थाना प्रभारी बीपी सिंह ने बताया कि ट्रेन संख्या 12572 हमसफर एक्सप्रेस सेंट्रल स्टेशन पर निर्धारित समय देर रात 12:50 बजे प्लेटफार्म संख्या-9 पर पहुंची। इस दौरान पता चला कि इंजन के बाद पांचवें कोच बी-11 की छत पर एक युवक लेटा हुआ है। उप निरीक्षक असलम खान ने टीम के साथ नीचे उतारने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) बंद कर युवक को नीचे उतारा गया। इस दौरान स्टेशन परिसर व आउटर तक 20 मिनट तक ट्रेनों का परिचालन ठप रहा। आरोपित छत पर लेटने को लेकर सही जवाब नहीं दे सका। पूछताछ में उसकी पहचान फतेहपुर के बिंदकी तहसील के फिरोजपुर गांव निवासी राम खिलावन के बेटे दिलीप कुमार के रूप में हुई। आरपीएफ थाना प्रभारी ने बताया कि युवक दिल्ली से कानपुर तक कोच की छत पर लेटकर आया है। अगर बीच रास्ते में वह खड़ा होता तो ओएचई की चपेट में आने से हादसा हो जाता। ट्रेन के पेंटो (इंजन तक विद्युत पहुंचाने का माध्यम) व ओएचई क्षतिग्रस्त होने से बड़ा हादसा हो सकता था। रेल अधिनियम की धारा 156 के तहत आरोपित पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। इस तरह की हरकत करने वालों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 156 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। ऐसे मामलों में 3 महीने की कैद और 500 रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है।