February 5, 2025


संवाददाता।

कानपुर। नगर में आचार संहिता के दौरान बड़ी मात्रा में व्यापारियों को  नगद लेकर आने-जाने में पुलिस जांच का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी मुश्किलें हो रही है। व्यापारी संगठनों का कहना है कि एक तो कई वर्षों से बाजार और मंडियों का व्यापार बड़ी बुरी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, जिसमे हम लोग जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कानपुर प्राचीन काल से व्यापार का केंद्र रहा है जो कई प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करता है, यहां का व्यापार मुख्यता थोक का है। जिसमे दो, चार पांच लाख का लें देन होता ही रहता है। यदि व्यापार के संदर्भ में दिन में कई बार रकम का आवागमन होता है तो रकम लाने ले जाने वाले लड़के को बिल बुक और इनकम टैक्स से संबंधित सभी कागजात साथ मे भेजना संभव नही होता है जो पुलिस विभाग द्वारा मांग की जाती है। अतः इससे परेशान और नाराज होकर हम व्यापारियों ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा, उन्होंने मांग उठाई कि रकम लेकर चलने वाले व्यापारियों को बेवजह जांच के नाम पर परेशान न किया जाए। व्यापारियों से वार्ता के दौरान पुलिस कमिश्नर ने जिलाधिकारी से बात की और नियमावली की जानकारी ली। पुलिस आयुक्त ने कहा कि व्यापारी रुपयों के साथ कागजात लेकर चलें किसी व्यापारी को अनुचित परेशान नहीं किया जाएगा और कुछ हद तक राहत भी दी जाएगी। यातायात के मामले मे डीसीपी ट्रैफिक व्यवस्था के लिए व्यापारियों के साथ बैठक होगी। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र व महानगर अध्यक्ष गुरुजिन्दर सिंह के नेतृत्व में व्यापारियों ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञानेश मिश्रा ने कहा कि कानपुर महानगर का थोक व्यापार मे 50 प्रतिशत से अधिक नगद बिक्री पर आधारित है। जबकि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद लगी आचार संहिता में चौराहों पर गाड़ियों को रोककर रुपयों की जांच करने से व्यापारियों को परेशानी हो रही है।इससे  व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। गुरुजिन्दर सिंह ने कहा कि महानगर के बाहर का व्यापारी अब कानपुर आने से डर रहा है। जिससे नगद बिक्री वाला व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कानपुर मे 13 मई को वोट पड़ेंगे, ऐसे में एक माह से ज्यादा समय तक इस तरह की जांच से कानपुर का व्यापार प्रभावित रहेगा। जिससे सरकार के राजस्व का भी भारी नुकसान होगा। इन दिनों मंडियों में किसान व्यापारियों से नगद धनराशि ही लेता है, जो नगदी व्यापारी अपने घर से मंडी तक लेकर जाता है। इस तरह 50 हजार रुपए से अधिक रुपया ले जाना मामूली बात है और जबकि आयकर के नियमानुसार एक दिन मे दो लाख रुपए नगद का लेनदेन हो सकता है। व्यापारियों ने मांग उठाई कि शहर के चौराहों व बाजारों में इस तरह की जांच पूर्णतया बंद की जाए। जिससे कानपुर का व्यापार प्रभावित न हो और व्यापारियों मे भय भी समाप्त हो। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने भी व्यापारियों को कहा कि कागजात लेकर चलें, किसी को भी अनुचित परेशान नहीं किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों मे प्रमुख रूप से भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महानगर महामंत्री राजकुमार भगतानी, युवा अध्यक्ष आशीष मिश्र व युवा वरिष्ठ महामंत्री सचिन त्रिवेदी, युवा महामंत्री विनायक पोद्दार, टास्क फोर्स संयोजक पवन गौड़, वरिष्ठ मंत्री राकेश शर्मा, पवन गुप्ता, बीपी रस्तोगी, केके गुप्ता, राकेश गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे।

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