कानपुर। शिफ्ट खत्म होने के बाद पीआरवी छोडकर अपने गंतव्य को चले गए पुलिस कर्मियों की हीला-हवाली अब उनकी नौकरी पर बन आयी। पीआरवी को लावारिश छोड़ने के मामले में तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी गई है। पीआरवी में तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आने पर एक-एक वाहन की समीक्षा शुरू कर दी गई है। इससे कि फिर कोई पुलिस कर्मी इस तरह की लापरवाही नहीं करे। इसके साथ ही पीआरवी में तैनात पुलिस कर्मियों की सक्रियता को भी चेक किया जा रहा है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर ने बताया कि बीते मंगलवार को किसी काम से गोल चौराहा की ओर जा रहे थे। मोतीझील मेट्रो स्टेशन के नीचे उन्हें एक पीआरवी की इनोवा खड़ी थी, लेकिन उसमें कोई भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। शक होने पर उन्होंने अपनी गाड़ी भी वहीं रोक दी और पड़ताल की तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पीआरवी में तैनात ड्राइवर नवरत्न सिंह, दो हेड कांस्टेबल चंद्रशेखर और विदोषी कुमार मिश्रा के साथ गाड़ी पर थे। उनका ड्यूटी टाइम समाप्त हो गया था। उन्होंने अपने बाद आने वाली टीम की प्रतीक्षा नहीं की और गाड़ी को लावारिस में छोडक़र चले गए। लापरवाही करने वाले तीनों पुलिस कर्मियों को जांच के बाद निलम्बित कर दिया गया है। इसके साथ ही तीनों के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। वहीं एडिशनल पुलिस कर्मी की सख्ती के बाद अब शुक्रवार को डायल-112 के एडीसीपी लाखन यादव ने पीआरवी की समीझा शुरू कर दी है। उन्होंने कई वाहनों की सूचना देकर भी उनका रिस्पांस टाइम चेक किया। कानपुर में पीआरवी से जुड़ा एक और घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। पीआरवी 431 बुधवार की रात सडक़ पर बेहोश पड़ी एक महिला को उसी हालत में छोडक़र आगे बढ़ गई। एक जिम्मेदार नागरिक द्वारा जब पीआरवी से मदद से गुहार लगाई तो गाड़ी में सवार पुलिसकर्मियों ने उसी को धमका डाला। बाद में राहगीरों ने महिला को प्राथमिक उपचार देकर होश में लाए। इस मामले में भी जांच के आदेश दिए गए हैं।