कानपुर। अगले तीन महीनों के बाद ग्रीनपार्क में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच के आवन्टन को लेकर अब श्रेय लेने की होड कई लोगों के बीच मच गयी है। इसमें सबसे प्रमुख शहर के नवनिर्वाचित सांसद और यूपीसीए के अध्यक्ष के समर्थकों का पूरा जत्था लगा हुआ है। जबकि क्रिकेटरों का मानना है कि बीसीसीआई में शामिल देश के प्रदेश संघों को बारी-बारी से टेस्ट समेत एक दिवसीय व टी-टवेन्टी मैचों का आवन्टन रोटेशन प्रणाली के तहत ही किया जाता है। चूंकि यूपीसीए के पास प्रदेश में पहले से ही टेस्ट सेन्टर ग्रीनपार्क के रूप में उपलब्ध है और विदेशी टीमों के कई दौरों में बीते कई सालों से संघ को टेस्ट आवन्टित नही हो सका था। रोटेशन प्रणाली के तहत ग्रीनपार्क हो या फिर इकाना और सैफई का अन्तंर्राष्ट्रींय क्रिकेट स्टेडियम संघ को इन्ही तीनों में से किसी एक स्टेडियम में टेस्ट मैच का आयोजन करवाना ही था। ग्रीनपार्क में मैच आवन्टन की खबर के बाद से ही शहर के समाचार पत्रों में सांसद और संघ के अध्यक्ष के समर्थक इसी प्रचार प्रसार में लगे हैं कि ग्रीनपार्क का मैच उन्ही की मेहरबानी से आवन्टित हो सका है। इसके लिए बाकायदे कुछ समाचार पत्रों में उनको मैच आवन्टन के लिए उनके समर्थकों ने धन्यवाद भी प्रेषित किया है। शहर के एक समाचार पत्र में लिखा गया है कि यूपीसीए के अध्यक्ष की मुलाकात ग्वालियर में एमपीएल के उदघाटन मौके पर हुयी जिसमें कानपुर को मैच दिए जाने का आग्रह उन्होंने स्वीकार करते हुए ग्रीनपार्क को प्राथमिकता दी और टेस्ट मैच आवन्टित किया तो वहीं शहर के नवनिर्वाचित सांसद जिन्होंनें अभी तक सांसद की शपथ तक नही ली वह कब बोर्ड के अधिकारियों से मैच ले आए ये केवल उनके समर्थकों को ही पता है। वह भी मैच आवन्टन के लिए श्रेय लेने में कोताही नही बरत रहे।इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर और प्रसारित की जा रही है कि ये मैच पूर्व सचिव की मेहरबानी से आवन्टित करवाया जा सका है। सांसद के लिए लिखी खबर को सोशल मीडिया के सबसे शक्तिशाली हथियार एक्स और टिवटर पर पोस्ट कर सभी से जानकारी भी साझा की गयी है। हालांकि मैच आवन्टन को लेकर श्रेय कोई भी ले लेकिन कानपुर के क्रिकेट प्रेमियों को मैच से मतलब है। क्रिकेट प्रशंसक और समर्थकों में मैच को लेकर उत्साह चरम पर है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार ग्रीनपार्क वाले मैच को लेकर केवल संघ के प्रयास को ही सफल माना जाए तो अतिश्योक्ति नही होनी चाहिए।