November 22, 2024

कानपुर। कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र में 307 धाराओं के अपराधी खुले आम घूमते नजर आ रहे हैं, अपराधियों को खुले आम घूमते देख पीडित पक्ष के लोग बहुत ही घबराए हुऐ हैं। पीडित पक्ष ने पुलिस कमिश्नर से अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग उठायी है। बतातें चलें कि बीते दो महीने पहले दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे और धारदार हथियार से हमला किया गया था। इस मामले में एक पक्ष ने अपने किराएदारों पर जानलेवा हमला करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था। दो महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि आरोपी खुले आम धूम रहे है। इसको लेकर महिला ने पुलिस कमिश्नर और आईजीआरएस में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। चकेरी के श्याम नगर निहुरा गांव निवासी ज्योति यादव ने बताया कि 1 अप्रैल को किराएदार मोहम्मग रजी से मकान खाली कराने के लिए बात करने गई थी। इसी बीच रजी की बहू, उसकी बहन सेजी, मां परवीन गाली गलौच करने लगी। तभी हम लोग से पहले से ही रंजिश मानने वाले विनोद यादव, राकेश यादव, सुरेश यादव व मुकेश यादव भी आ गए और गाली गलौच करने लगे। इसका जब पति संतोष यादव ने विरोध किया तो सभी ने मिलकर मुझे, मेरे पति को, परिवार के अशीष, तनिष और आंशू को लाठी-डंडों और धारदार हथियार से पीटने के बाद लहूलुहान कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आज तक किसी का भी गिरफ्तारी नहीं की। वहीं, पुलिस ने दबाव बनाने के लिए सामने वाले पक्ष से भी क्रॉस मुकदमा लिख दिया था। ज्योति यादव का आरोप है- इस मामले की जांच दरोगा विपिन कुमार बघेल कर रहे थे। उनको जब बताया कि आरोपी अपने घर में है और इनसे जान का मुझे खतरा है तो उन्होंने कहा पहले गवाही होंगी इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। कुछ दिन पूर्व ही दरोगा बघेल का ट्रांसफर भी हो गया। इसके बाद मैंने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और आईजीआरएस में इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस की तरफ से अभी भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पीड़िता ने एक वीडियो जारी करते हुए सभी आरोपियों से जान का खतरा बताया है। उस वीडियो में ज्योति कह रही है कि हमारा मुकदमा 1-4-2024 को दर्ज हुआ था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभियुक्तगण द्वारा अपने घर पर आकर आराम से रह रहे हैं। इसकी जानकारी मैंने उच्च अधिकारियों को भी दी है। यदि मेरे साथ या मेरे पूरे परिवार के साथ कोई घटना या दुर्घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी पूरी पुलिस प्रशासन की होगी।इस मामले में इंस्पेक्टर अशोक दुबे से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी मुकदमा मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी को कोई तकलीफ है तो वह सीधे मुझसे थाने में आकर मिल सकता है।

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