संवाददाता।
कानपुर। नगर के भगवतदास घाट नाले में एक हेड कांस्टेबल का शव पड़ा मिला था। सूचना पर पहुंची फीलखाना थाने की पुलिस ने उसके शव को बाहर निकाला और जांच-पड़ताल की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हेड कांस्टेबल का चेहरा, अंगुलियां और प्राइवेट पार्ट किसी केमिकल से जलाने की आशंका है। मामले में मृतक के बेटे की तहरीर पर फीलखाना पुलिस ने हत्या की एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। भगवतदास नाले में शव मिलने की सूचना पर फीलखाना थाने की पुलिस मौके पर जांच पड़ताल करने पहुंची थी। शव के पास एक खाकी वर्दी के साथ पहनी जाने वाली बेल्ट भी मिली थी। इससे पुलिस का संदेह बढ़ा। पुलिस ने शव को बाहर निकाला तब चेहरा, अंगुलियां और प्राइवेट पार्ट भी गायब था। ऐसा लग रहा था कि किसी केमिकल से जलाया गया है। लेकिन डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि मोहल्ले के लोगों के मुताबिक शव को कुत्ते और सुअर नोच रहे थे। इसके चलते प्राइवेट पार्ट और चेहरा गायब होने का अंदेशा है। पोस्टमार्टम के लिए शव को भेजा गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही साफ हो सकेगा कि हत्या है या हादसा। डीसीपी ने यह भी बताया कि कानपुर पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल आर्म्ड फोर्स (एचसीएपी) की पहचान मूल रूप से ग्राम लारौनी लहचूरा झांसी निवासी खेम चंद्र (55 वर्ष) के रूप में हुई है। खेमचंद्र शराब का लती था। जहां पर उसका शव मिला है। रोजाना वहां पर ही शराब पीने जाता था। जांच के दौरान सामने आया कि शुक्रवार को भी वह सुबह 4:30 बजे पुलिस लाइन से सिविल ड्रेस में निकलते हुए देखा गया था। भोर में भगवतदास नाले के पास शराब ठेके से शराब खरीदते हुए भी सीसीटीवी में कैद हुआ है। इसके बाद इलाके के लोगों ने खेमचंद्र का शव नाले में पड़ा देखा। खेमचंद्र के मौत की जानकारी मिलते ही मेरठ में तैनात बेटा अंडर ट्रेनी दरोगा जितेंद्र वर्मा और दरोगा दामाद देर रात कानपुर पहुंचे। बेटे जितेंद्र की तहरीर पर फीलखाना थाने की पुलिस ने हत्या की एफआईआर दर्ज की है। कानपुर आने के बाद दरोगा दामाद और बेटे खुद अपने स्तर से पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। आखिर उनके पिता खेमचंद्र के साथ क्या हुआ। फीलखाना पुलिस ने बेटे और दामाद को एक-एक तथ्य से अवगत भी कराया। जांच के दौरान भगवतदास ठेके का सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने देखा तो खेमचंद्र सुबह 5:10 बजे पिंक कलर की शर्ट और ग्रे कलर की पैंट पहने ठेके की तरफ जाते दिख रहे हैं। वहां पर वह बंद शटर से पहले आवाज लगाते हैं और फिर थोड़ी देर खड़े हैं। फिर शटर के नीचे से हाथ डालते हैं और एक क्वाटर शराब लेकर उसे जेब में रख कर वहां से चले जाते हैं। उस वक्त समय 5:15 हो रहा है। जबकि ये समय ठेका खुलने का नही होता है फिर भी शटर के नीचे से शराब बेची जा रही है। इसके बाद सुबह लगभग 8:30 बजे पुलिस को इलाकाई लोगों की तरफ से सूचना मिलती है। पुलिस मौके पर पहुंचती है औऱ अज्ञात में शव का पंचायतनामा भरकर उसे मॉर्च्युरी में दाखिल करा देती है। फुटेज को पुलिस के ग्रुप में भेज दिया जाता है। इसी दौरान पुलिस लाइन के पास तैनात एक होमगार्ड ने सबसे पहले खेमचन्द्र की शिनाख्त की। उसने पुलिस लाइन में तैनात अफसरों को इसकी जानकारी दी। पुलिस लाइन में लगे कैमरे देखे गए तो उसमें खेमचन्द्र सुबह लगभग 4 बजे पुलिस लाइन से निकलते हुए भी देखे गए। एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह ने बताया कि खेमचन्द्र लोअर के ऊपर पैंट भी पहनते थे। जब पोस्टमार्टम में जांच पड़ताल की गई तो लोअर और पैंट भी मिला। इससे पुलिस कर्मियों को लगभग यकीन हो गया कि मृतक हेड कांस्टेबल ही है। देर शाम जब ट्रेनी दरोगा बेटा आया तब उसने आकर शव की शिनाख्त की और हत्या की तहरीर दी।